• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Monday, July 7, 2025
  • Login
Mochan Samachaar
Advertisement
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
Mochan Samachaar
No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
Home देश

मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर जलमार्गों को विकसित करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की बनाई है योजना : सर्बानंद सोनोवाल

अगले दशक में 50,000 पूर्वोत्तर युवाओं को समुद्री कौशल प्रशिक्षण और नौकरी के अवसर मिलेंगे

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
07/07/2025
in देश
Reading Time: 2 mins read
0
मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर जलमार्गों को विकसित करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की बनाई है योजना : सर्बानंद सोनोवाल
250
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

नयी द‍िल्‍ली : केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने क्षेत्र में जलमार्ग और समुद्री क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई पहलों की घोषणा की। 5,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, केंद्र सरकार ने इस सम्बंध में प्रमुख पहल की है।

पिछले 11 वर्षों में, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने कार्गो हैंडलिंग, क्षमता और तटीय शिपिंग में रिकॉर्ड वृद्धि के साथ देश के समुद्री क्षेत्र के परिदृश्य को बदल दिया है। प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता लगभग दोगुनी हो गई है, महत्वाकांक्षी नए टर्मिनलों के साथ क्रूज पर्यटन बढ़ रहा है, और पूर्वोत्तर के 50,000 युवाओं को जलमार्ग सम्बंधी नौकरियों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रमुख विधायी और डिजिटल सुधार, हरित शिपिंग पहल और कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाएं क्षेत्रीय संपर्क और व्यापार को मजबूत कर रही हैं। भारत के बंदरगाह अब विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी हैं, जिनमें से नौ विश्व बैंक की सूची शीर्ष 100 में स्थान पर हैं और विशाखापत्तनम बंदरगाह शीर्ष 20वें स्थान पर पहुंच गया है।

इस अवसर पर सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, हमने भारत के समुद्री क्षेत्र को पहले से कहीं ज़्यादा उपयोगी बना लिया है। बंदरगाह क्षमता और कार्गो हैंडलिंग में ऐतिहासिक वृद्धि से लेकर ग्रीन शिपिंग, क्रूज पर्यटन और हमारे युवाओं के लिए कौशल विकास तक – ये उपलब्धियां भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति बनाने और हर तटीय और नदी क्षेत्र में समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं । “

We are constructing 85 community jetties in the North East to leverage our waterways for enhanced passenger and cargo movement.#11YearsofSeva pic.twitter.com/ph1Vc1iLPz

— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) July 7, 2025

संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले दशक में इस क्षेत्र के 50,000 युवाओं को समुद्री कौशल में प्रशिक्षित करना है, जिससे उन्हें बढ़ते क्षेत्र में रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे। गुवाहाटी में समुद्री कौशल विकास केंद्र (एमएसडीसी) और साथ ही डिब्रूगढ़ में आगामी उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) का उद्देश्य इस परिवर्तन को गति देना है। सीओई को 200 करोड़ रुपये के निवेश से विकसित किया जाएगा। दोनों केंद्रों से सालाना 500 नौकरियां पैदा होने की संभावना है।

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “मोदी जी ने हमेशा यह कल्पना की है कि युवा शक्ति किस तरह देश में वास्तविक परिवर्तन ला सकती है। हमारा लक्ष्य अगले दशक में पूर्वोत्तर के 50,000 युवाओं को विश्व स्तरीय समुद्री कौशल के साथ प्रशिक्षित, सक्षम और सशक्त बनाना है, जिससे सार्थक रोजगार और विकास सुनिश्चित हो सके। गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में हमारे केंद्र इस परिवर्तन की रीढ़ होंगे।”

मंत्रालय ने पिछले दो वर्षों में पूर्वोत्तर के अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र में 1,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की हैं, इनमें 300 करोड़ रुपये के कार्य पूरे हो चुके हैं और 2025 तक 700 करोड़ रुपये के कार्य पूरे होने का लक्ष्य है। प्रमुख पहलों में पांडु, जोगीघोपा, धुबरी, बोगीबील, करीमगंज और बदरपुर में स्थायी कार्गो टर्मिनल, साल भर चलने वाली फेयरवे ड्रेजिंग, पांडु बंदरगाह के लिए एक नया संपर्क मार्ग, डिब्रूगढ़ में विरासत का जीर्णोद्धार, 299 करोड़ रुपये की लागत वाली पर्यटक जेटी, गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कौशल विकास केंद्र और बोगीबील, विश्वनाथ घाट, सिलघाट और पांडु में लाइटहाउस की योजनाएं शामिल हैं।

व्यवहार्यता अध्ययन पूरा हो चुका है और गुवाहाटी, तेजपुर और डिब्रूगढ़ में परिचालन के लिए उपयुक्त स्थितियां है, और केंद्रीय योजनाओं के तहत क्रूज जहाजों की खरीद की जा रही है। मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा के लिए, आई.डव्ल्यू.टी बुनियादी ढांचे का विस्तार करने और जल-आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास जारी हैं। इंडो-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट (आईबीपीआर) का संचालन सिलीगुड़ी कॉरिडोर को दरकिनार करते हुए नए व्यापार मार्ग प्रदान करता है, क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करता है और आत्मनिर्भर भारत के व्यापक दृष्टिकोण के साथ संरेखित करता है।

कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (केएमटीटीपी)
के बारे में एक प्रश्न का उत्तर में , सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट भारत-म्यांमार मैत्री संधि का परिणाम है। यह भारत के पूर्वोत्तर और म्यांमार के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक पहल है – जिसे 2027 तक पूरी तरह से चालू करने की तैयारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, पूर्वोत्तर, देश के विकास एजेंडे के केंद्र में है। मोदी जी की परिवर्तनकारी ‘एक्ट ईस्ट‘ नीति से सशक्त , यह कभी भूमि से घिरा क्षेत्र अब अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्गों तक सीधी और छोटी पहुंच के लिए तैयार है। म्यांमार में सित्तवे बंदरगाह का काम तेजी से पूरा किया जाना इस प्रतिबद्धता का प्रमाण है। एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने पर, यह क्षेत्र न केवल पूर्वोत्तर भारत के लिए, बल्कि बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और म्यांमार को दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़कर उनके लिए भी नए व्यापार अवसरों को खोलेगा ।

म्यांमार के पलेतवा से मिजोरम के ज़ोरिनपुई तक, सित्तवे बंदरगाह एक अंतर्देशीय जलमार्ग के माध्यम से म्यांमार के पलेतवा से और एक सड़क के माध्यम से पलेतवा से मिजोरम के ज़ोरिनपुई तक जुड़ता है। सित्तवे, म्यांमार से सरबूम, त्रिपुरा तक, कोलकाता से सित्तवे बंदरगाह तक का माल टेकनाफ बंदरगाह, बांग्लादेश भेजा जा सकता है जो सित्तवे से सिर्फ 60 समुद्री मील दूर है। टेकनाफ बंदरगाह से माल सड़क मार्ग से सबरूम भेजा जा सकता है जो 300 किलोमीटर दूर है। सबरूम में बांग्लादेश और त्रिपुरा के बीच एक एकीकृत सीमा शुल्क सीमा है। सित्तवे बंदरगाह और कलादान परियोजना से परिवहन समय और रसद लागत में महत्वपूर्ण कमी के माध्यम से त्रिपुरा को काफी लाभ होगा

अन्य प्रमुख पहलों में 2025 तक एनडव्ल्यू-2 और एनडव्ल्यू-16 पर एक वैश्विक प्रमुख कंपनी द्वारा संचालित 100 बजरों की तैनाती शामिल है, इसका उद्देश्य असम और पड़ोसी राज्यों में माल की आवाजाही को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है। पूरे साल नौवहन सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय ने 610 करोड़ रुपये के निवेश से 10 जलथलचर और कटर सेक्शन ड्रेजर तैनात करने की योजना बनाई है। सोनोवाल ने स्थानीय संपर्क को बेहतर बनाने के लिए पूर्वोत्तर में 85 सामुदायिक जेटी विकसित करने की योजना की भी घोषणा की।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003PFCT.jpg

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों की वास्तविक आर्थिक क्षमता को पूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए, हम 10 अत्याधुनिक ड्रेजर तैनात करने के लिए 610 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं, जो साल भर नौवहन सुनिश्चित करेंगे। इससे कार्गो की आवाजाही में बदलाव आएगा, नए व्यापार मार्ग बनेंगे और असम और पूरे पूर्वोत्तर में आर्थिक सम्बंध मजबूत होंगे। जर्मनी की वैश्विक लॉजिस्टिक्स प्रमुख कंपनी रेनस के 100 आधुनिक बजरों और 85 सामुदायिक जेटी के साथ इसे जोड़कर, हमारा लक्ष्य एक एकीकृत और टिकाऊ जलमार्ग नेटवर्क बनाना है जो स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाता है और विकास को गति देता है।”

पर्यटन और क्षेत्रीय व्यापार को समर्थन देने के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि सिलघाट, नेमाटी, बिस्वनाथ घाट और गुइजान में नए पर्यटन और कार्गो जेटी बनाने के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा । आधुनिक शहरी परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, गुवाहाटी, तेजपुर और डिब्रूगढ़ में जल मेट्रो परियोजनाओं की योजना बनाई गई है, इसके व्यवहार्यता अध्ययन पहले ही पूरे हो चुके हैं। सरकार पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सहयोग से पांडु, तेजपुर, बिस्वनाथ और बोगीबील में लाइटहाउस भी स्थापित करेगी, इनमें से प्रत्येक में मौसम विभाग केंद्र की सुविधा होगी, ताकि सटीक स्थानीय मौसम पूर्वानुमान प्रदान किया जा सके।

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “ ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समावेशी विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप पूर्वोत्तर को जलमार्ग आधारित व्यापार, पर्यटन और रोजगार के प्रमुख केंद्र में बदलने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004B2AR.jpg

 

Tags: Modi government plans to invest Rs 5000 crore to develop Northeast waterways: Sarbananda Sonowal
Previous Post

भारत-जापान सामुद्रिक संबंधों को मजबूत करने के लिए जापान का तटरक्षक जहाज ‘इत्सुकुशिमा’ पहुंचा चेन्नई

Next Post

हर नागरिक बने प्रकृति प्रहरी, बड़े बदलाव के लिए जिद और जुनून जरूरी : लोक सभा अध्यक्ष

Next Post
हर नागरिक बने प्रकृति प्रहरी, बड़े बदलाव के लिए जिद और जुनून जरूरी : लोक सभा अध्यक्ष

हर नागरिक बने प्रकृति प्रहरी, बड़े बदलाव के लिए जिद और जुनून जरूरी : लोक सभा अध्यक्ष

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Mochan Samachaar

© 2023 Mochan Samachaar Design and Develop by GKB Web Solution.

Udyam Registration Number : UDYAM-WB-10-0083581

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें

© 2023 Mochan Samachaar Design and Develop by GKB Web Solution.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In