नयी दिल्ली : भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु (President of India Smt. Draupadi Murmu) ने 78वें स्वतन्त्रता दिवस (78th independence day) की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए देशवासियों को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा मैं आप सभी को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। सभी देशवासी 78वें स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं, यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लहराते हुए तिरंगे को देखना – चाहे वह लाल किले पर हो, राज्यों की राजधानियों में हो या हमारे आस-पास हो – हमारे हृदय को उत्साह से भर देता है। यह उत्सव, 140 करोड़ से अधिक देशवासियों के साथ अपने इस महान देश का हिस्सा होने की हमारी खुशी को अभिव्यक्त करता है। जिस तरह हम अपने परिवार के साथ विभिन्न त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम अपने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी अपने उस परिवार के साथ मनाते हैं जिसके सदस्य हमारे सभी देशवासी हैं।
राष्ट्र को अपना सम्पूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी
पंद्रह अगस्त के दिन, देश-विदेश में सभी भारतीय, ध्वजारोहण समारोहों में भाग लेते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। जब हम बच्चों को अपने महान राष्ट्र तथा भारतीय होने के गौरव के बारे में बातें करते हुए सुनते हैं तो उनके उद्गारों में हमें महान स्वतंत्रता सेनानियों की भावनाओं की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। हमें यह अनुभव होता है कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे राष्ट्र को अपना सम्पूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी।
देश-प्रेमियों ने अनेक जोखिम उठाए और सर्वोच्च बलिदान दिए
इतिहास की इस श्रृंखला की एक कड़ी होने का बोध हमारे अंदर विनम्रता का संचार करता है। यह बोध हमें उन दिनों की याद दिलाता है जब हमारा देश, विदेशी शासन के अधीन था। राष्ट्र-भक्ति और वीरता से ओत-प्रोत देश-प्रेमियों ने अनेक जोखिम उठाए और सर्वोच्च बलिदान दिए। हम उनकी पावन स्मृति को नमन करते हैं। उनके अथक प्रयासों के बल पर भारत की आत्मा सदियों की नींद से जाग उठी। अंतर-धारा के रूप में सदैव विद्यमान रही हमारी विभिन्न परंपराओं और मूल्यों को, पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारे महान स्वाधीनता सेनानियों ने नई अभिव्यक्ति प्रदान की। मार्गदर्शक-नक्षत्र की तरह, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वाधीनता संग्राम की विभिन्न परंपराओं और उनकी विविध अभिव्यक्तियों को एकजुट किया।
साथ ही, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बाबासाहब आंबेडकर तथा भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे अनेक महान जन-नायक भी सक्रिय थे। यह एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन था, जिसमें सभी समुदायों ने भाग लिया। आदिवासियों में तिलका मांझी, बिरसा मुंडा, लक्ष्मण नायक और फूलो-झानो जैसे कई अन्य लोग थे, जिनके बलिदान की अब सराहना हो रही है। हमने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। अगले वर्ष उनकी 150वीं जयंती का उत्सव राष्ट्रीय पुनर्जागरण में उनके योगदान को और अधिक गहराई से सम्मान देने का अवसर होगा।
हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है
उन्होंने कहा आज, 14 अगस्त को, हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एक-जुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।
हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमारे नव-स्वाधीन राष्ट्र की यात्रा में गंभीर बाधाएं आई हैं। न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुता के संवैधानिक आदर्शों पर दृढ़ रहते हुए, हम इस अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि भारत, विश्व-पटल पर अपना गौरवशाली स्थान पुनः प्राप्त करे।
पूरे विश्व में लोकतांत्रिक शक्तियों को ताकत मिलती है
इस वर्ष, हमारे देश में आम चुनाव हुए। कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 97 करोड़ थी, जो एक ऐतिहासिक कीर्तिमान है। मानव समुदाय, इतिहास की सबसे बड़ी चुनाव प्रक्रिया का साक्षी बना। इस तरह के विशाल आयोजन के सुचारु और त्रुटि-रहित संचालन के लिए भारत का निर्वाचन आयोग बधाई के योग्य है। मैं उन सभी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने भीषण गर्मी का सामना करते हुए, मतदाताओं की मदद की। इतनी बड़ी संख्या में लोगों द्वारा मताधिकार का प्रयोग करना वस्तुतः लोकतंत्र की विचारधारा का प्रबल समर्थन है। भारत द्वारा सफलतापूर्वक चुनाव आयोजित करने से पूरे विश्व में लोकतांत्रिक शक्तियों को ताकत मिलती है।
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आई
वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल है। इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है। जो लोग अभी भी गरीबी से पीड़ित हैं, उनकी सहायता करने के साथ-साथ उन्हें गरीबी से बाहर निकालने के लिए भी सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, कोविड-19 के शुरुआती चरण में आरंभ की गई पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है, जो यह भी सुनिश्चित करता है कि जो लोग हाल ही में गरीबी से बाहर आए हैं, उन्हें पुनः गरीबी में जाने से रोका जा सके।
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थ-व्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। यह सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है।
अमूल्य योगदान दिया किसानों ने
हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीदों से बेहतर कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया है। ऐसा करके, उन्होंने भारत को कृषि-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हमारे देशवासियों को भोजन उपलब्ध कराने में अमूल्य योगदान दिया है। हाल के वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को काफी बढ़ावा मिला है। सुविचारित योजनाओं एवं प्रभावी कार्यान्वयन ने सड़कों और राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों का जाल बिछाने में मदद की है। भावी प्रौद्योगिकी की अद्भुत क्षमता को ध्यान में रखते हुए,
Semi-conductor और Artificial Intelligence
सरकार ने Semi-conductor और Artificial Intelligence जैसे कई क्षेत्रों को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया है, साथ ही Start-ups के लिए एक आदर्श eco-system भी बनाया है जिससे उनके विकास को गति मिलेगी। इससे, निवेशकों में भारत के प्रति आकर्षण और अधिक बढ़ गया है। बढ़ती हुई पारदर्शिता के साथ, बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्रों की कार्य-कुशलता में वृद्धि हुई है। इन सभी बदलावों ने अगले दौर के आर्थिक सुधारों और आर्थिक विकास के लिए मंच तैयार कर दिया है जहां से भारत विकसित देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा।
देश के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत बनाया है
तेज गति से हो रही न्याय-परक प्रगति के बल पर वैश्विक परिदृश्य में भारत का कद ऊंचा हुआ है। जी-20 की अपनी अध्यक्षता के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के बाद, भारत ने Global South को मुखर अभिव्यक्ति देने वाले देश के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत बनाया है। भारत अपनी प्रभावशाली स्थिति का उपयोग विश्व शांति और समृद्धि के विस्तार हेतु करना चाहता है।
हमें अपने राजनीतिक लोकतंत्र को सामाजिक लोकतंत्र भी बनाना चाहिए
हमें संविधान निर्माता डॉक्टर बी.आर. आंबेडकर के शब्दों को भी सदैव याद रखना चाहिए। उन्होंने ठीक ही कहा था, और मैं उन्हें उद्धृत करती हूं, ‘हमें अपने राजनीतिक लोकतंत्र को सामाजिक लोकतंत्र भी बनाना चाहिए। राजनीतिक लोकतंत्र तब तक नहीं टिक सकता जब तक कि उसके आधार में सामाजिक लोकतंत्र न हो।’
राजनीतिक लोकतंत्र की निरंतर प्रगति से सामाजिक लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में की गई प्रगति की पुष्टि होती है। समावेशी भावना, हमारे सामाजिक जीवन के हर पहलू में दिखाई देती है। अपनी विविधताओं और बहुलताओं के साथ, हम एक राष्ट्र के रूप में, एकजुट होकर, एक साथ, आगे बढ़ रहे हैं। समावेश के साधन के रूप में, affirmative action को मजबूत किया जाना चाहिए। मैं दृढ़ता के साथ यह मानती हूं कि भारत जैसे विशाल देश में, कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करना होगा।
सामाजिक न्याय सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
सामाजिक न्याय सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और समाज के अन्य हाशिए के वर्गों के कल्याण के लिए अनेक अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, प्रधानमंत्री सामाजिक उत्थान एवं रोजगार आधारित जनकल्याण, यानी पीएम-सूरज का उद्देश्य हाशिए पर के लोगों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान करना है। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान यानी पीएम-जनमन ने एक जन अभियान का रूप ले लिया है। इसके तहत, विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों, यानी पीवीटीजी की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं।
National Action for Mechanized Sanitation Eco-system
National Action for Mechanized Sanitation Eco-system यानी नमस्ते योजना के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी सफाई कर्मचारी को सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के जोखिम-भरे काम को हाथों से नहीं करना पड़ेगा।
स्त्री-पुरुष के बीच न्यायपूर्ण समानता तथा Climate Justice
‘न्याय’ शब्द के सबसे व्यापक अर्थ में अनेक सामाजिक आयाम समाहित हैं। उनमें से दो आयामों पर मैं विशेष रूप से जोर देना चाहूंगी। वे आयाम हैं – स्त्री-पुरुष के बीच न्यायपूर्ण समानता तथा Climate Justice.
हमारे समाज में महिलाओं को केवल समानता का ही नहीं, बल्कि समानता से भी ऊपर का दर्जा दिया जाता है। हालांकि, उन्हें परंपरागत पूर्वाग्रहों का कष्ट भी झेलना पड़ा है। लेकिन, मुझे यह जानकर खुशी होती है कि सरकार ने महिला कल्याण और महिला सशक्तीकरण को समान महत्व दिया है। पिछले दशक में इस उद्देश्य के लिए बजट प्रावधान में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। श्रम बल में उनकी भागीदारी बढ़ी है। इस संदर्भ में, जन्म के समय बेटियों के अनुपात में हुए उल्लेखनीय सुधार को सबसे उत्साहजनक विकास कहा जा सकता है। महिलाओं को केंद्र में रखते हुए सरकार द्वारा अनेक विशेष योजनाएं भी लागू की गई हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है।
जलवायु परिवर्तन एक यथार्थ का रूप ले चुका है
जलवायु परिवर्तन एक यथार्थ का रूप ले चुका है। विकासशील देशों के लिए अपने आर्थिक प्रतिमानों को बदलना और भी अधिक चुनौतीपूर्ण है। फिर भी, हमने उस दिशा में आशा से अधिक प्रगति की है। Global warming के सबसे गंभीर कुप्रभावों से पृथ्वी को बचाने के लिए मानव समुदाय द्वारा किए जा रहे संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने पर भारत को गर्व है। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि आप अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे किन्तु प्रभावी बदलाव करें तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
हमने औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया
न्याय के संदर्भ में, मैं यह भी उल्लेख करना चाहती हूं कि इस वर्ष जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू करने में, हमने औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया है। नई संहिता का उद्देश्य, केवल दंड देने की बजाय, अपराध-पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। मैं इस बदलाव को स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति
आज के युवा हमारी स्वतंत्रता की शताब्दी तक के ‘अमृत काल’ को यानी आज से लगभग एक चौथाई सदी के कालखंड को स्वरूप प्रदान करेंगे। उनकी ऊर्जा और उत्साह के बल पर ही हमारा देश नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। युवाओं के मनो-मस्तिष्क को विकसित करना तथा परंपरा एवं समकालीन ज्ञान के सर्वश्रेष्ठ आयामों को ग्रहण करने वाली नई मानसिकता का निर्माण करना हमारी प्राथमिकता है। इस संदर्भ में, वर्ष 2020 से लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिणाम सामने आ रहे हैं।
युवा प्रतिभा का समुचित उपयोग करने के लिए, सरकार ने कौशल, रोजगार तथा अन्य अवसरों को सुलभ बनाने के लिए पहल की है। रोजगार और कौशल के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के माध्यम से पांच वर्षों में चार करोड़ दस लाख युवाओं को लाभ मिलेगा। सरकार की एक नई पहल से पांच वर्षों में एक करोड़ युवा अग्रणी कंपनियों में Internship करेंगे। ये सभी कदम, विकसित भारत के निर्माण में आधारभूत योगदान देंगे।
भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की
भारत में, हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी को ज्ञान की खोज के साथ-साथ मानवीयता-पूर्ण प्रगति के साधन के रूप में देखते हैं। उदाहरण के लिए, digital applications के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों का उपयोग अन्य देशों में template के रूप में किया जा रहा है। हाल के वर्षों में, भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। आप सभी के साथ, मैं भी अगले साल होने वाले गगनयान मिशन के शुभारंभ की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रही हूं। इस मिशन के तहत, भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान में, भारतीय अंतरिक्ष टीम को, अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा।
खेल जगत
खेल जगत भी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमारे देश ने पिछले दशक में बहुत प्रगति की है। सरकार ने खेल के बुनियादी ढांचे के विकास को समुचित प्राथमिकता दी है और इसके परिणाम सामने आ रहे हैं। हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय दल ने अपना उत्कृष्ट प्रयास किया। मैं खिलाड़ियों की निष्ठा और परिश्रम की सराहना करती हूं। उन्होंने युवाओं में प्रेरणा का संचार किया है। क्रिकेट में भारत ने टी-20 विश्व कप जीता, जिससे बड़ी संख्या में क्रिकेट-प्रेमी आनंदित हुए। शतरंज में विलक्षण प्रतिभा वाले युवा खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित किया है। इसे शतरंज में भारतीय युग का आरंभ माना जा रहा है। बैडमिंटन, टेनिस और अन्य खेलों में हमारे युवा खिलाड़ी विश्व मंच पर अपनी पहचान बना रहे हैं। उनकी उपलब्धियों ने अगली पीढ़ी को भी प्रेरित किया है।
स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तत्पर है। इस उल्लासपूर्ण अवसर पर मैं आप सब को एक बार फिर बधाई देती हूं। मैं सेनाओं के उन बहादुर जवानों को विशेष बधाई देती हूं जो अपनी जान का जोखिम उठाते हुए भी हमारी स्वतन्त्रता की रक्षा करते हैं। मैं पुलिस और सुरक्षा बलों के कर्मियों को बधाई देती हूं जो पूरे देश में सतर्कता बनाए रखते हैं। मैं न्यायपालिका और सिविल सेवाओं के सदस्यों के साथ-साथ विदेशों में नियुक्त हमारे दूतावासों के कर्मियों को भी अपनी शुभकामनाएं देती हूं। हमारे प्रवासी समुदाय को भी मेरी शुभकामनाएं! आप सब हमारे परिवार का हिस्सा हैं, आपने अपनी उपलब्धियों से हमें गौरवान्वित किया है। आप सब विदेशों में भारत की संस्कृति और विरासत का गर्व के साथ प्रतिनिधित्व करते हैं।
एक बार फिर, मेरी ओर से सभी को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
धन्यवाद!
जय हिंद!
जय भारत!