नयी दिल्ली : देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में जस्टिस बी.आर. गवई (Justice B.R. Gavai) कल यानी बुधवार को शपथ लेंगे। वे इस पद तक पहुंचने वाले पहले बौद्ध न्यायाधीश होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु उन्हें शपथ दिलाएंगी। वे मौजूदा मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल अब समाप्त हो रहा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत राष्ट्रपति ने इस नियुक्ति को मंजूरी दी थी, जिसके बाद कानून और न्याय मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी की। जस्टिस गवई को 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और वे इस समय सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।
जस्टिस गवई लगभग 700 पीठों (Benches) का हिस्सा रहे हैं
पिछले छह वर्षों में, जस्टिस गवई लगभग 700 पीठों (Benches) का हिस्सा रहे हैं और उन्होंने संवैधानिक, प्रशासनिक, दीवानी, आपराधिक, वाणिज्यिक विवादों, मध्यस्थता, विद्युत, शिक्षा और पर्यावरण कानून जैसे कई क्षेत्रों से जुड़े मामलों की सुनवाई की है। उन्होंने करीब 300 फैसले लिखे हैं, जिनमें संविधान पीठों के महत्वपूर्ण निर्णय भी शामिल हैं। उनके फैसलों में कानून के राज और मौलिक, मानव तथा कानूनी अधिकारों की रक्षा को प्रमुखता दी गई है।
12 नवंबर 2005 को बॉम्बे हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए थे
जस्टिस गवई 12 नवंबर 2005 को बॉम्बे हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने मुंबई के प्रधान पीठ के अलावा नागपुर, औरंगाबाद और पणजी पीठों पर भी महत्वपूर्ण न्यायिक कार्य किया। उनकी नियुक्ति भारत की न्यायिक व्यवस्था में विविधता और समावेशिता को भी दर्शाती है, और न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।