नई दिल्ली : भारत को खसरा और रूबेला रोग से निपटने के लिए देश के अथक प्रयासों के लिए 6 मार्च, 2024 को अमरीका के वाशिंगटन डीसी में रेडक्रॉस मुख्यालय में प्रतिष्ठित खसरा और रूबेला चैंपियन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार वाशिंगटन डीसी में राजदूत और मिशन की उप प्रमुख श्रीप्रिया रंगनाथन ने भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से प्राप्त किया।
यह सम्मान सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता और बच्चों में इन संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने में इसके उत्कृष्ट नेतृत्व का उत्सव मनाता है। यह देश के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के अंतर्गत नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करने के लिए ‘खसरे को एक अनुरेखक के रूप में उपयोग करता है और खसरा व रूबेला उन्मूलन कार्यक्रम में क्षेत्रीय नेतृत्व प्रदान करने के लिए भारत को मान्यता देता है। देश ने खसरा और रूबेला रोगों में कमी लाने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया है। भारत ने एक श्रृंखला के माध्यम से खसरा और रूबेला रोगों के प्रकोप को रोकने में उल्लेखनीय प्रगति की है।
उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में भारत सरकार के सक्रिय खसरा-रूबेला (एमआर) टीकाकरण अभियान और वंचित आबादी तक पहुंचने के लिए नवीन रणनीतियों, सुदृढ़ निगरानी प्रणालियों और प्रभावी जन-जागरूकता पहल ने स्वास्थ्य और कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह पुरस्कार देश के अग्रणी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों, नीति निर्माताओं और देश भर के समुदायों के समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रमाण है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप 50 जिलों में लगातार खसरे का कोई मामला सामने नहीं आया है, जबकि 226 जिलों में पिछले 12 महीनों में रूबेला का कोई मामला नहीं मिला है।
खसरा और रूबेला टीकाकरण के माध्यम से रोकी जा सकने वाली बीमारियां (वीपीडी) हैं। एमआर वैक्सीन वर्ष 2017 से देश के सार्वजनिक टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा है। भारत सरकार देश से खसरा और रूबेला को समाप्त करने की दिशा में कार्यरत है।