नई दिल्ली : महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल छात्रों और मेडिकल/गैर -मेडिकल परामर्शदाताओं के एक समूह ने आज (4 मार्च, 2024) राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB) यह समूह डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान के ‘सेवांकुर भारत कार्यक्रम’ के तहत दिल्ली में है।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान पिछले तीन दशकों से जन कल्याण की भावना से जरूरतमंदों को कम दरों पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है। यह प्रतिष्ठान कौशल विकास, रोजगार सृजन और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सशक्तिकरण के लिए भी काम कर रहा है। उन्होंने समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए इस एनजीओ की सराहना की।
A group of medical students and medical/non medical consultants from different medical colleges of Maharashtra and Madhya Pradesh, under the aegis of Sevankur Bharat Programme of Dr. Babasaheb Ambedkar Vaidyakiya Pratishthan, called on President Droupadi Murmu at Rashtrapati… pic.twitter.com/JajdD031SE
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 4, 2024
राष्ट्रपति ने कहा कि 1997 में शुरू हुआ ‘सेवांकुर भारत कार्यक्रम’ राष्ट्रीय अखंडता और एकता को बढ़ावा दे रहा है। यह युवाओं को जनसेवा का मार्ग भी दिखा रहा है और उनमें ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना को मजबूत कर रहा है। उन्होंने ‘अवकाश के दौरान – राष्ट्र के लिए एक सप्ताह’ कार्यक्रम की सराहना की, जिसके तहत छात्र जनजातीय क्षेत्रों में जाते हैं और रहते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा एक ऐसा पेशा है, जहां पैसा कमाना ही यदि मुख्य लक्ष्य हो तो समाज का कल्याण संभव नहीं है। इसीलिए स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों को अपने कर्तव्य का निर्वहन करते समय करुणा, दयालुता और परोपकार के मूल्यों को अपना चारित्रिक गुण बनाना होगा। उन्होंने कहा कि हम बाबा साहब अम्बेडकर के जीवन से यह सीख सकते हैं कि अपनी व्यक्तिगत सफलता का उपयोग समाज के कल्याण के लिए कैसे किया जाए। हमें बाबा साहेब के आदर्शों पर चलकर सामाजिक न्याय, समानता और बंधुत्व के लिए काम करना चाहिए।