नई दिल्ली : भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज इस बात पर जोर दिया कि भारत भूमि, आकाश, समुद्र और अंतरिक्ष के क्षेत्र में ‘अग्रणी राष्ट्रों की पंक्ति’ में खड़ा है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि पिछले साल आईएनएस-विक्रांत की लॉन्चिंग और कई स्वदेशी रक्षा उपकरणों के विकास से उजागर होती है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार
Hon’ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar interacted with participants of the 49th Advanced Professional Programme in Public Administration (APPPA) at Upa-Rashtrapati Nivas today. @iipa9 pic.twitter.com/zr651UnhPK
— Vice President of India (@VPIndia) November 30, 2023
दिल्ली में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के 49वें एडवांस्ड प्रोफेशनल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (एपीपीपीए) के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने उस यात्रा का वर्णन किया जो देश ने अब तक ‘फ्रैजाइल-फाइव’ से ‘बिग-फाइव’ तक तय की है। उन्होंने कहा कि भारत आज पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था है और 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
When you started your career, the nation had a fragile economy.
There was hardly any foreign exchange balance.
The world ignored one-sixth of humanity.
We did not have a global voice.
And now, look at the distance we have traversed! @iipa9 pic.twitter.com/RN4ihCfw0p
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राष्ट्र के विकास के लिए ‘निर्णय लेने’ के महत्व को प्रकट करते हुए, श्री धनखड़ ने ‘मेन इन यूनिफॉर्म’ की सराहना की। तबाही मचाने वाली प्राकृतिक आपदाओं का उदाहरण देते हुए, उपराष्ट्रपति ने उच्चतम स्तर के प्रदर्शन और कर्तव्यपरायणता के प्रति अपनी अटूट भावना का उदाहरण पेश करने के लिए रक्षा कर्मियों की सराहना की।
I am from Sainik School Chittorgarh. I have a special inclination towards men in uniform. After having been the Governor of the state of West Bengal, my respect for men in uniform has grown even higher.
I have seen them in action, during cyclones and super cyclones which can… pic.twitter.com/pqIDVgKh3B
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भारतीय प्रतिभा की सराहना करते हुए, श्री धनखड़ ने कहा, “भारत की मानव प्रतिभा दुनिया में बेजोड़ है।” उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि आबादी के सभी वर्गों की प्रौद्योगिकी अपनाने की इच्छा के परिणामस्वरूप प्रति व्यक्ति इंटरनेट डेटा खपत आश्चर्यजनक रूप से अमेरिका और चीन की तुलना में अधिक हो गई है।
Our human genius is the best in the world.
We are unrivalled! @iipa9 pic.twitter.com/enwWSBETMn
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एक समय भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार में डूबे इको-प्रणाली में होने वाले महत्वपूर्ण बदलाव पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य एक ‘गंभीर बदलाव’ को दर्शाता है, अब सत्ता के गलियारे ‘सत्ता के दलालों, संपर्क एजेंटों और बिचौलियों से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं, जो अपने दबदबे का इस्तेमाल करके अतिरिक्त लाभ उठाते थे।’
Our human genius is the best in the world.
We are unrivalled! @iipa9 pic.twitter.com/enwWSBETMn
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इसरो द्वारा एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि इसरो ने कई विकसित देशों के लिए सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी बाजार मूल्य पर उपग्रहों को लॉन्च करके ‘अपने लिए खास जगह बना ली है।’
यह देखते हुए कि प्रगतिगामी नवाचारी प्रौद्योगिकियों ने घरों और कार्यस्थलों में प्रवेश कर लिया है, उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि उनकी शक्ति को उजागर करना होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि जब अनुसंधान करने और कृत्रिम बौदि्धकता, क्वांटम कंप्यूटिंग और 6-जी जैसी उदीयमान प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने की बात आती है, तो भारत अग्रणी देशों में से एक है।
These days the world is facing challenges of a very different nature.
Artificial Intelligence is only one facet. Disruptive technologies have made inroads into our houses, our drawing rooms, our workplaces.
We have to equip ourselves with these technologies, their power has to… pic.twitter.com/zEqrDmx8mH
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प्रतिभागियों को उनकी प्रतिनिधि क्षमता के कारण महत्वपूर्ण परिवर्तन के ‘नाभि-केंद्र और तंत्रिका-केंद्र’ के रूप में दर्शाते हुए उपराष्ट्रपति ने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे पाठ्यक्रम से अपनी सामान्य अपेक्षाओं से परे कुछ लेकर जाएं, जो उनके पेशेवर कौशल को और भी समृद्ध कर सके।
आईआईपीए के महानिदेशक श्री सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी, उपराष्ट्रपति के सचिव श्री सुनील कुमार गुप्ता, आईआईपीए के रजिस्ट्रार श्री अमिताभ रंजन, 49वें एपीपीपीए के कार्यक्रम निदेशक डॉ. सचिन चौधरी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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