नयी दिल्ली : अगस्त 2023 के महीने से 6 और हवाई अड्डों मुंबई, अहमदाबाद, कोच्चि, लखनऊ, जयपुर और गुवाहाटी में डिजी यात्रा सुविधा शुरू की जाएगी। इन हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा बुनियादी ढांचे का कार्यान्वयन और स्थापना चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार
1 दिसंबर, 2022 को नागर विमानन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation and Steel Minister Jyotiraditya Scindia) द्वारा तीन हवाई अड्डों, नई दिल्ली, वाराणसी और बेंगलुरु में इसकी शुरुआत के बाद से, डिजी यात्रा को चार और हवाई अड्डों, विजयवाड़ा, पुणे, हैदराबाद और कोलकाता में शुरु किया गया है। इससे डिजी यात्रा सक्षम हवाई अड्डों की संख्या सात हो गई। उपरोक्त छह हवाई अड्डों के जुड़ने से, डिजी यात्रा-सक्षम हवाई अड्डों की कुल संख्या तेरह हो जाएगी।
10 अगस्त 2023 तक 34,60,454 यात्रियों द्वारा डिजी यात्रा का उपयोग किया जा चुका है। उसी तिथि तक, डिजी यात्रा मोबाइल एप्लिकेशन उपयोगकर्ता आधार 1.29 मिलियन था।
डिजी यात्रा एक मोबाइल एप्लिकेशन-आधारित सुविधा है
डिजी यात्रा एक मोबाइल एप्लिकेशन-आधारित सुविधा है जो फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (एफआरटी) के आधार पर हवाई अड्डों पर यात्रियों की संपर्क रहित, निर्बाध आवाजाही के लिए बनाई गई है। यह यात्रियों को अपनी पहचान प्रमाणित करने और यात्रा विवरण को मान्य करने के लिए चेहरे की विशेषताओं का उपयोग करके कागज रहित और संपर्क रहित आवाजाही के माध्यम से हवाई अड्डों पर विभिन्न जांच चौकियों से गुजरने में मदद करता है।
प्रस्थान के 24 घंटे के भीतर हवाई अड्डे के सिस्टम से इस डेटा को हटा दिया जाता है
डिजी यात्रा प्रक्रिया में, यात्री के डेटा की व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई) को किसी भी रूप में सुरक्षित नहीं रखा जाता। सभी यात्रियों का डेटा एन्क्रिप्ट किया जाता है और उनके स्मार्टफोन के वॉलेट में संग्रहीत किया जाता है। इसे केवल यात्री और यात्रा के मूल हवाई अड्डे के बीच साझा किया जाता है, जहां यात्री की डिजी यात्रा आईडी को मान्य करने की आवश्यकता होती है। उड़ान के प्रस्थान के 24 घंटे के भीतर हवाई अड्डे के सिस्टम से इस डेटा को हटा दिया जाता है। इस डेटा को सीधे यात्रियों द्वारा ही साझा किया जाता है।
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