नई दिल्ली : वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) ने ग्लोबल हेल्थ स्ट्रैटेजीज (जीएचएस) के सहयोग से पूसा परिसर, नई दिल्ली में ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार’ पर एक कार्यशाला आयोजित किया।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अंतर्गत एक घटक प्रयोगशाला है। आयोजित कार्यशाला एक अनूठी पहल है, जिसमें विभिन्न पृष्ठभूमियों से विज्ञान संचारकों, वैज्ञानिकों और शिक्षकों को एक साथ लाया गया, ताकि इस बात पर चर्चा की जा सके कि वैज्ञानिक और शोधकर्ता मीडिया के साथ कैसे बातचीत करें और तकनीकी साक्ष्य और शोध को सरल शब्दों में संप्रेषित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का कैसे उपयोग कर सकते हैं।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर (CSIR-NISCPR) की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए वैज्ञानिक समझ को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने निरंतर विकास सुनिश्चित करने के लिए भविष्य में भी इस तरह की पहल जारी रखने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
आईसीएमआर-आरएमआरसी गोरखपुर के वरिष्ठ सलाहकार, वैश्विक स्वास्थ्य रणनीतियां एवं पूर्व प्रमुख, नीति एवं संचार प्रभाग, आईसीएमआर मुख्यालय और निदेशक, डॉ.रजनीकान्त श्रीवास्तव ने विज्ञान संचार में वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित करने के लिए सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर और आईसीएमआर के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की।
अपनी संचार आवश्यकताओं की रूपरेखा, भारत में मीडिया परिदृश्य को समझना, पत्रकारों को संदेश कैसे दिया जाय इसे समझना, मीडिया इंटरैक्शन में निपुणता प्राप्त करना तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को वायरल बनाना, सोशल मीडिया के लिए संचार और सोशल मीडिया सामग्री में निपुणता प्राप्त करना जैसे विषयों पर कार्यशाला में चर्चा की गई।