नई दिल्ली : राज्यसभा (RAJYA SABHA) में आज दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर (DELHI COACHING CENTRE) में जलभराव के कारण यूपीएससी अभ्यर्थी की दुखद मृत्यु पर राज्यसभा के नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा हुई। चर्चा की अनुमति देते हुए राज्यसभा के सभापति जगदीप धाखड़ (JAGDEEP DHANKAR) ने टिप्पणी की, “मुझे लगता है कि देश के युवा जनसांख्यिकीय लाभांश को पोषित करना अति आवश्यक है। मैंने पाया है कि कोचिंग अब व्यापार बन गया है…।”
सदन के कुछ दलों के नेताओं द्वारा सभापति के कक्ष में सदन की कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देने का बहिष्कार और विरोध की प्रथा पर अफसोस जताते हुए श्री धनखड़ ने कहा, “मुझे अपनी पीड़ा साझा करने दीजिए, मुझे अपना दर्द साझा करने दीजिए। सभापति जब सदन में माननीय सदस्यों से मिलने के लिए अनुरोध करते हैं तो उसे इस तरह मना किया जाना पहले कभी नहीं देखा गया। यह आचरण संसदीय मर्यादा को कमजोर करने वाला है। सदन के कुछ नेता यदि इस तरह सदन में सभापति का बहिष्कार करना चाहते हैं, तो यह निश्चित रूप से एक स्वस्थ परंपरा नहीं है।”
इससे पहले आज विभिन्न राज्यसभा सदस्य जैसे सुधांशु त्रिवेदी और स्वाति मालीवाल ने यूपीएससी के एक कोचिंग सेंटर में हुई दुखद मृत्यु के मामले पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया। सभापति ने नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा की अनुमति दी क्योंकि संसदीय कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू तो मामले को अति आवश्यक बताते हुए नियम 267 के तहत इस मामले पर चर्चा करने के लिए तैयार थे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष श्री मलिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी दल नियम 267 के तहत इस मामले पर चर्चा करने से असहमत थे। इसपर सभापति ने यह स्पष्ट किया कि नियम 267 के तहत किसी भी विषय पर तभी चर्चा की जाएगी जब सभी प्रमुख दल सहमत हों और पूरे सदन की आम सहमति हो।