नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने आज छावनी क्षेत्रों में पर्यावरण की देखभाल करने और वनस्पतियों का पोषण करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि समाज के व्यापक लाभ के लिए रक्षा संपदा भूमि पर संरचित तरीके से औषधीय पौधों और बागवानी को बढ़ावा देकर इसे प्राप्त किया जा सकता है।
Hon’ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar addressed the Officer Trainees of 2023 batch of the Indian Defence Estates Service (IDES) at Vice-President’s Enclave today. @IDES_Officers @NIDEM_GoI @DefenceMinIndia pic.twitter.com/9nwZAGEVTl
— Vice-President of India (@VPIndia) July 8, 2024
विकसित हो रहे तकनीकी और भू-राजनीतिक परिदृश्य का उल्लेख करते हुए, उपराष्ट्रपति ने युवा अधिकारियों को तेजी से बदलते परिदृश्य के साथ लगातार तालमेल बिठाने की सलाह दी। अधिकारियों से हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखने का आग्रह करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया, “रक्षा का सबसे अच्छा तरीका युद्ध के लिए सदैव तत्पर रहना है।”
रक्षा भूमि को हमारी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए उपराष्ट्रपति महोदय ने रक्षा भूमि के प्रबंधन में आने वाली कई चुनौतियों जैसे अतिक्रमण और उसके बाद कानूनी विवादों का उल्लेख किया। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को भूमि प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इससे आप किसी भी घुसपैठ की निगरानी कर सकेंगे और दृढ़ संकल्प के साथ त्वरित उपचारात्मक कार्रवाई कर सकेंगे। उपराष्ट्रपति, जो प्रतिष्ठित अधिवक्ता भी रहे हैं, उन्होंने ऐसे मामलों में अदालती कार्रवाई के लिए तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उपराष्ट्रपति महोदय ने परिवीक्षार्थियों को कभी भी आसान रास्ता न अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि वे नैतिक आचरण का उदाहरण प्रस्तुत करें तथा दूसरों के लिए आदर्श बनें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि “जब आप दबावों और चुनौतियों का सामना करें, तब भी दृढ़ रहें।” उन्होंने अधिकारियों से वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए काम करने का आग्रह किया।
यह देखते हुए कि रक्षा संपदा का ऐतिहासिक और विरासत संबंधी महत्व बहुत अधिक है, उपराष्ट्रपति महोदय ने इसकी योजना और विकास में दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।
डॉ. सुदेश धनखड़, रक्षा मंत्रालय के सचिव श्री गिरिधर अरमाने, रक्षा संपदा के महानिदेशक श्री जी.एस. राजेश्वरन, राष्ट्रीय रक्षा संपदा प्रबंधन संस्थान के निदेशक श्री राजेंद्र पवार, प्रशिक्षु अधिकारी, भारतीय रक्षा संपदा सेवा और उपराष्ट्रपति सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
SOURCE : PIB