नई दिल्ली : दिल्ली में 320 नई इलेक्ट्रिक बसों (ELECTRIC BUSES) को उपराज्यपाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने हरी झंडी दिखाकर मंगलवार (30 जुलाई) को सड़क पर उतारा। इसके बाद दिल्ली में अब कुल इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा 1970 हो गया है। नई इलेक्ट्रिक बसों के चलने से यात्रियों को राहत मिलेगी। उपराज्यपाल ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के साथ बसों का निरीक्षण किया और चालकों से बातचीत की।
दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने इस मौके पर कहा, “आज हम 320 बसों को लॉन्च कर रहे हैं। इससे दिल्ली के लोगों को और राहत मिलेगी। बहुत जगहों पर लोगों को बसों की कमी की वजह से तकलीफ होती है, इससे उनको फायदा होगा अगर प्रदूषण को कम करना है तो सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाना जरूरी है और यह उसी दिशा में एक कदम है।”
बता दें, राजधानी में पहले से 1650 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर चल रही हैं। इसमें 1350 इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) के अधीन चल रही है। जबकि, 300 इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (डिम्ट्स) के अधीन चल रही हैं। टाटा और जेबीएम कंपनी इलेक्ट्रिक बसें बना रही है। वहीं, कंपनी बसों को संचालित भी कर रही है।
दरअसल दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसें यात्रियों की पहली पसंद है क्योंकि ये बसें नई हैं और इनके एसी अच्छी तरह काम करते हैं। डीटीसी और डिम्ट्स के अधीन चलने वाली सीएनजी की बसें पुरानी हो चुकी हैं। इन बसों के एसी सही से काम नहीं करते हैं। इससे बसों में काफी भीड़ होने के कारण गर्मी से यात्री बेहाल हो जाते हैं। इतना ही नहीं सीएनजी बसें पुरानी होने के कारण जगह-जगह खराब हो जाती है। इससे यात्रियों को और ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि 2025 तक दिल्ली में कुल 10,480 बसें चलाने का लक्ष्य है। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। इस समस्या को देखते हुए 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें चलाने का लक्ष्य रखा गया है। 8000 बसें दिल्ली में इलेक्ट्रिक होंगी अन्य सीएनजी बसें होंगी। दिल्ली में 1650 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। इन बसों के चलने से कार्बन उत्सर्जन कम हुआ है। दिल्ली के लोगों को बस स्टैंड पर बसों के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। आज जिन 320 बसों को सड़क पर उतारा गया है। ये बसें दिल्ली के विभिन्न डिपो से संचालित की जाएंगी।