NEW DELHI : भारत और नीदरलैंड के बीच बीते गुरुवार को हेग में विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) के 12वें दौर की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक के दौरान सेमीकंडक्टर और हरित हाइड्रोजन जैसी नवीन और उभरती प्रौद्योगिकियों पर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई है।
बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में सचिव (वेस्ट) पवन कपूर ने किया, जबकि डच की तरफ से विदेश मंत्रालय के महासचिव पॉल हुइज्ट्स ने किया।
विदेश कार्यालय परामर्श के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा और भविष्य में सहयोग के एजेंडे पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने सभी क्षेत्रों में जल, कृषि और स्वास्थ्य, विज्ञान में उत्कृष्ट प्रगति का भी स्वागत किया। इसके साथ ही प्रौद्योगिकी, उच्च तकनीक और नवाचार क्षेत्रों में आगे बढ़ने पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक के दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने व्यावसायिक संबंधों को बढ़ाने की दिशा में नीदरलैंड में भारतीय कंपनियों के लिए फास्ट ट्रैक तंत्र का उद्घाटन किया गया।
इसके अलावा दोनों देशों ने नीदरलैंड में एक बड़े भारतीय समुदाय की उपस्थिति की सराहना की, जो महत्वपूर्ण स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक संबंधों के विस्तार में सकारात्मक योगदान दे रहा है।
दिसंबर 2022 में नई दिल्ली में हुई थी आखिरी बैठक
परामर्श के दौरान आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की गई, गौरतलब है कि ऐसी आखिरी बैठक दिसंबर 2022 में नई दिल्ली में हुई थी।
सचिव पवन कपूर ने डेल्फ्ट के तकनीकी विश्वविद्यालय में भारत के संकाय शोधकर्ताओं और छात्रों के साथ बातचीत की और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी साझेदारी में महत्वपूर्ण भारत-नीदरलैंड सहयोग पर प्रकाश डाला।
उन्होंने पीस पैलेस का भी दौरा किया और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के रजिस्ट्रार फिलिप गौटियर और न्यायाधीश दलवीर भंडारी से मुलाकात की।
भारत और नीदरलैंड के बीच साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और जल, स्वास्थ्य, शिक्षा और शिपिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में बहुमुखी सहयोग पर आधारित मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान नीदरलैंड को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया था। प्रधानमंत्री मार्क रूट ने सितंबर 2023 में नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया था।