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भारत और आसियान देशों के बीच पारंपरिक चिकित्सा पर मंथन 20 जुलाई को

यह सम्मेलन आसियान देशों के लिये आयुष मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्न परियोजनाओं के अनुसंधान परिणामों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
20/07/2023
in देश
Reading Time: 1 min read
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भारत और आसियान देशों के बीच पारंपरिक चिकित्सा पर मंथन 20 जुलाई को
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नयी दिल्‍ली :  पीआईबी द्वारा जारी प्रेस व‍िज्ञप्‍त‍ि के अनुसार विदेश मंत्रालय, आसियान में भारतीय मिशन और आसियान सचिवालय के सहयोग से 20 जुलाई को नई दिल्ली, विज्ञान भवन में आयुष मंत्रालय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर सम्मेलन का आयोजन करेगा।

इन व‍िषयों पर होगी बात 

आसियान( दक्षिण-पूर्वी देशों का संगठन) वियतनाम, कंबोडिया सहित दस एशियाई देशों का संगठन है और भारत आसियान रीजनल फोरम का सदस्य है। आयुष और पत्तन, पोत परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोणोवाल के मुताबिक सम्मेलन में पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान, प्रोद्योगिकी, शिक्षा, व्यापार आदि पर बात होगी और आसियान सदस्य देशों के साथ भारत अपने अनुभव को साझा करेगा।

सहयोग को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

बृहस्पतिवार को मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “भारत और आसियान सदस्य देशों के बीच बहुआयामी संबंध साझा भौगोलिक, ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों की मजबूत नींव पर खड़ा है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने नवंबर 2014 में म्यांमार में 12वें आसियान भारत शिखर सम्मेलन में ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ की घोषणा की, जिससे रणनीतिक साझेदारी को एक नई  गति मिली। लगभग एक दशक के बाद पारंपरिक चिकित्सा पर आयोजित होने वाला भारत-आसियान सम्मेलन, आसियान के साथ भारत के सहयोग को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

वर्ष 2014 के बाद से पिछले 9 वर्षों में आयुष क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “वर्ष 2014 के बाद से पिछले 9 वर्षों में आयुष क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। 2014 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत तत्कालीन आयुष विभाग को आयुष मंत्रालय का स्वरूप दिया। गठन के बाद आयुष मंत्रालय ने यूके, अमेरिका, जापान, ब्राजील, जर्मनी आदि के कई शीर्ष श्रेणी के अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ सीएसआईआर, डीएसटी, डीबीटी, आईआईटी जैसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थाओं के पारस्परिक सहयोग से मधुमेह , कैंसर, मानसिक स्वास्थ्य, कोविड सहित विभिन्न संचारी और गैर-संचारी रोग स्थितियों में आयुष प्रणालियों के तहत उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान के नये आयाम स्थापित किये।

विभिन्न परियोजनाओं के अनुसंधान परिणामों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक यह सम्मेलन आसियान देशों के लिये आयुष मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्न परियोजनाओं के अनुसंधान परिणामों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इसी तरह, आसियान के सदस्य देश भी अपने अनुभव साझा करेंगे। यह सम्मेलन पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए आसियान सदस्य देशों के नियामक ढांचे में हाल के विकास को साझा करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा।”

इस एक दिवसीय सम्मेलन में 75 प्रतिभागी हैं

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक आयुष मंत्रालय ने पहले ही आयुष उत्पादों और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मजबूत अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विकसित किया है। ‘पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए, ‘आयुष चेयर की स्थापना’ के लिये सफलतापूर्वक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गये हैं। विदेशी विश्वविद्यालयों/संस्थानों में और विभिन्न स्तरों पर ‘सहयोगात्मक अनुसंधान’ के परिणामस्वरूप आयुष को न केवल आसियान समूह बल्कि अन्य देशों में भी मजबूत पहचान मिली है। इस एक दिवसीय सम्मेलन में 75 प्रतिभागी हैं। इंडोनेशिया, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रूनेई, थाईलैंड, लाओ पीडीआर , मयम्मार और वियतनाम प्रतिनिधि प्रत्यक्ष और कंबोडिया एवं सिंगापुर के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि अप्रत्यक्ष (वर्चुअल) रूप सम्मेलन में शामिल होकर पारंपरिक दवाओं पर विचार-मंथन करेंगे और अपने विचार साझा करेंगे।

एक दशक के बाद आयोजित हो रहा भारत-आसियान सम्मेलन

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत और आसियान देश जैव संपदा की दृष्टि से बेहद संपन्न हैं। भारत की एक्ट ईस्ट नीति संयोजकता,व्यापार और संस्कृति पर जोर देती है और भारत-आसियान के संबंध को अधिक विस्तार देने के लिये इन तीन बिंदुओं पर केंद्रित है। वर्ष 2022 में ही भारत ने आसियान सदस्य देशों के साथ पारस्परिक सहयोग के 30 साल का सफर पूरा किया था। पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में “एक्ट ईस्ट नीति” के तीनों बिंदुओं को आगे बढ़ाने की पूरी क्षमता है। आसियान , भारत का चौथा बड़ा व्यापारिक सहयोगी है और भारत के कुल व्यापार का करीब दस प्रतिशत का हिस्सेदार है। करीब एक दशक के बाद आयोजित हो रहा भारत-आसियान सम्मेलन न सिर्फ महत्वपूर्ण है बल्कि यह भारत और आसियान देशों के बीच संबंधों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।

 विदेशी छात्रों को आयुष मंत्रालय करता है छात्रवृत्ति प्रदान 

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक पारस्परिक सहयोग के तहत आयुष मंत्रालय ने आसियान के सदस्य देशों- मलेशिया, मयम्मार, इंडोनेशिया और फिलीपींस के साथ साझेदारी विकसित की है। वियतनाम और थाईलैंड के साथ पारस्परिक सहयोग करीब-करीब स्थापित हो चुका है। योग, आयुर्वेद सहित आयुष की अन्य पद्धतियों का अध्ययन करने के लिये प्रति वर्ष भारत आने वाले आिसयान सहित अन्य विदेशी छात्रों को आयुष मंत्रालय छात्रवृत्ति प्रदान करता है। भारत में 250 से अधिक विदेशी छात्र इस समय आयुष की विभिन्न पद्धत्तियों का अध्ययन कर रहे हैं।

भारत और आसियान देशों के बीच पारस्परिक सहयोग का सफर लगातार जारी

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इससे पूर्व भारत-आसियान सम्मेलन फरवरी, 2013 में आयोजित किया गया था। उस समय के दिल्ली घोषणा पत्र के जरिये आसियान देशों ने दक्षिण पूर्वी क्षेत्र में पारंपरिक चिकित्सा के तहत शिक्षा, अनुसंधान, क्षमता विकास, सतत विकास, संसाधन बढ़ाने आदि के लिये परस्पर सहयोग की प्रतिबद्धता जाहिर की थी। आसियान सदस्य देशों ने पारंपरिक चिकित्सा के तहत स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिये सूचनाओं, सर्वोत्तम प्रथाओें, शैक्षिक योग्यताओं में एकरूपता, दक्षिण पूर्वी देशों के लिये फार्माकोपिया और मोनोग्राफ आदि विकास के लिए आपसी सहयोग करते हुए कार्य करने पर सहमति प्रदान की थी। भारत और आसियान देशों के बीच पारस्परिक सहयोग का सफर लगातार जारी है। श्री सर्बानंद सोणोवाल के मुताबिक नियामक ढांचे के तहत पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के विकास के लिये यह सम्मेलन आसियान सदस्य देशों को एक बेहतरीन मंच उपल्बध कराने वाला भी साबित होगा।

पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में “समग्र स्वास्थ्य” के लक्ष्य को हासिल करने की अभूतपूर्व क्षमता

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी वसुधैव कुंटुम्बकम की अवधारणा पर विश्वास करते हैं। आयुर्वेद भी इसी मूल सिद्धांत पर विश्वास करता है। इस हिसाब से देखा जाये तो पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में “समग्र स्वास्थ्य” के लक्ष्य को हासिल करने की अभूतपूर्व क्षमता है।

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Tags: ASEAN countriesBrainstorming on traditional medicine between India and ASEAN countries on July 20foreign MinistryIndia and ASEAN countriesMinistry of Ayush Traditional Systems of Medicinepibआसियान और भारतभारत और आसियान
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