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एल्‍कॉन आइ ऑन कैटरेक्‍ट ग्‍लोबल सर्वे में भारत के 86% लोगों ने कहा दृष्टि है बढ़ती उम्र का सबसे महत्‍वपूर्ण पहलू

सर्वे मार्च-अप्रैल 2023 के दौरान, भारत समेत दुनिया के 10 देशों में 50+ वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के बीच हुआ

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
20/07/2023
in देश
Reading Time: 1 min read
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एल्‍कॉन आइ ऑन कैटरेक्‍ट ग्‍लोबल सर्वे में भारत के 86% लोगों ने कहा दृष्टि है बढ़ती उम्र का सबसे महत्‍वपूर्ण पहलू
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कोलकाता, 06 जुलाई, 2023 : आंखों की देखभाल के क्षेत्र में ग्‍लोबल लीडर एल्‍कॉन (ALCON) ने आज अपने महत्‍वपूर्ण एल्‍कॉन आइ ऑन कैटरेक्‍ट सर्वे (Alcon Eye on Cataract Survey) के नतीजों का खुलासा किया। कंपनी द्वारा जारी विज्ञ‍प्‍त‍ि के अनुसार यह सर्वे मार्च-अप्रैल 2023 के दौरान, भारत समेत दुनिया के 10 देशों में 50+ वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के बीच, विज़न और कैटरेक्‍ट संबंधी पड़ताल के उद्देश्‍य से कराया गया है। इस सर्वे में उन लोगों को शामिल किया गया था जिनमें पिछले पांच वर्षों में, मोतियाबिंद (कैटरेक्‍ट) की पुष्टि हुई थी और कंपनी द्वारा जारी विज्ञ‍प्‍त‍ि के अनुसार जो मोतियाबिंद सर्जरी का इंतज़ार कर रहे थे अथवा करवा चुके थे। इसमें 50 वर्ष से ऊपर के ऐसे लोग भी शामिल थे जिन्‍हें कैटरेक्‍ट की शिकायत नहीं थी। इस सर्वे से यह स्‍पष्‍ट हुआ कि जो मरीज़ कैटरेक्‍ट सर्जरी करवा चुके हैं उनकी आंखों में और जीवन की गुणवत्‍ता में सुधार हुआ है। भारत में, लोग बढ़ती उम्र में दृष्टि को याददाश्‍त और मोबिलिटी से भी अधिक अहमियत देते हैं। ज्‍यादातर भारतीय (90%) स्‍पष्‍ट दृष्टि के लिए कैटरेक्‍ट सर्जरी पर निवेश के इच्‍छुक हैं।

 

92% भारतीय चश्‍मे से पीछा छुड़वाने के लिए लैंस पर खर्च करने के लिए तैयार

इस सर्वे से एक और दिलचस्‍प पहलू यह भी सामने आया कि करीब 54% भारतीय चश्‍मा लगाने की वजह से खुद को बूढ़ा समझते हैं जबकि 50+ वर्ष से अधिक उम्र के 92% भारतीय चश्‍मे से पीछा छुड़वाने के लिए लैंस पर खर्च करने के लिए तैयार हैं। जहां तक कैटरेक्‍ट सर्जरी के बारे में जानकारी का सवाल है, 59% लोगों का मानना है कि वे किसी आइ केयर प्रोफेशनल से परामर्श लेंगे, जबकि 39% और 37% ने क्रमश: परिवार और दोस्‍तों से यह सलाह लेने की तथा 36% ने स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी वेबसाइटों से जानकारी हासिल करने की बात स्‍वीकार की।

 

अच्‍छी विज़न होना हैल्‍दी एजिंग की प्रक्रिया के लिहाज़ से अहम् : अमर व्‍यास

एल्‍कॉन इंडिया के कंट्री मैनेजर अमर व्‍यास (AMAR VYAS) ने कहा , हम दुनियाभर में जून माह के दौरान मनाए गए मोतियाबिंद जागरूकता माह के मद्देनज़र, इस सर्वे के नतीजों को साझा करते हुए खुशी महसूस कर रहे हैं। इस सर्वे ने इस बारे में और जागरूकता बढाने की जरूरत को रेखांकित किया है। भारत में बूढ़े हो रहे वयस्‍कों की आबादी 260 मिलियन 2 है। यह जानना जरूरी है कि इस सर्वे के अनुसार, जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, स्‍वस्‍थ दृष्टि का मोल भी उतना ही बढ़ता है। रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए स्‍पष्‍ट दृष्टि का महत्‍व लोगों को और भी समझ आता है और सच तो यह है कि अच्‍छी विज़न होना हैल्‍दी एजिंग की प्रक्रिया के लिहाज़ से अहम् है। इस सर्वे के नतीजों ने लोगों को कैटरेक्‍ट सर्जरी के बाद स्‍पष्‍ट विज़न के अपने विकल्‍पों के बारे में शिक्षित करने की जरूरत पर ज़ोर दिया है। कैटरेक्‍ट सर्जरी में मरीज़ों के धुंधलाते लैंसों को बदलकर एडवांस टैक्‍नोलॉजी वाले इंट्राऑक्‍यूलर लैंसों को लगाया जाता है। यह जीवन में एक बार की जाने वाली ऐसी सर्जरी है जो न सिर्फ कैटरेक्‍ट पूर्व विज़न को वापस लाती है बल्कि कई रिफ्रेक्टिव दोषों जैसे प्रेसबायोपिया और एस्टिगमेटिज्‍़म को भी ठीक कर चश्‍मा लगाने की जरूरत कम करती है।

88% का कहना है कि सर्जरी के बाद उनकी विज़न बेहतर हुई

सर्वे के मुताबिक, दुनियाभर में जिन भी लोगों ने एडवांस कैटरेक्‍ट सॉल्‍यूशंस का इस्‍तेमाल किया है वे यह मानते हैं कि इससे उनकी विज़न में ही नहीं बल्कि जीवन की गुणवत्‍ता में भी सुधार हुआ है।  कैटरेक्‍ट के शिकार 90% से अधिक लोग सर्जरी के बाद, पढ़ने-लिखने, इलैक्‍ट्रॉनिक डिवाइसों का इस्‍तेमाल करने, ड्राइविंग, चलने और क्रॉसवर्ड पहेलियों को हल करने जैसी सभी गतिविधियों को आराम से कर लेने को लेकर उत्‍सुक हैं। 88% का कहना है कि सर्जरी के बाद उनकी विज़न बेहतर हुई है और 45% का मानना है कि अब उनकी दृ‍ष्टि अपेक्षाकृत कम उम्र वाले लोगों जैसी हो गई है। सर्वे में शामिल 77% मरीज़ों का कहना है कि कैटरेक्‍ट सर्जरी के बाद उनके जीवन की गुणवत्‍ता में सुधार हुआ है।

कैटरेक्‍ट सर्जरी के मरीज़ों के पास अपने दृ‍ष्टि विकारों को सही करवाने का अवसर

आज, कैटरेक्‍ट सर्जरी के मरीज़ों के पास अपने दृ‍ष्टि विकारों को सही करवाने का अवसर है – जो चश्‍मा पहनने की जरूरत को कम करना या पूरी तरह से हटाना चाहते हैं, वे प्रेसबायोपिया-करेक्टिंग इंट्राऑक्‍यूलर लैंस (पीसी-आईओएल) की मदद से ऐसा कर सकते हैं। कई तरह के पीसी-आईओएल उपलब्‍ध हैं, जो मरीज़ों को दूर से देखने (ड्राइविंग), मध्‍यम दूरी की गतिविधियों (कंप्‍यूटर का इस्‍तेमाल) और नज़दीक के काम (मोबाइल डिवाइस का प्रयोग) के लिए 20/20 विज़न की संभावना को साकार कर सकते हैं। इसी तरह, मोनोफोकल लैंस ऐसा स्‍टैंडर्ड लैंस विकल्‍प है जो दूर की विज़न में सुधार लाता है।

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Tags: alconAlcon Eye on Cataract Global SurveyAlcon Eye on Cataract Surveyalconindiaeye
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