नई दिल्ली : भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार दास ने रॉटरडैम, नीदरलैंड में विश्व ऊर्जा कांग्रेस के 26वें संस्करण में “नई परस्पर निर्भरता: विश्वास, सुरक्षा और जलवायु अनुकूलन” विषय पर एक पैनल चर्चा में भाग लिया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB)
चर्चा के दौरान, इरेडा के सीएमडी ने ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में भारत की यात्रा के बारे में जानकारी साझा की और देश के भीतर नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने के कार्य को आगे बढ़ाने में इरेडा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म-ईंधन ऊर्जा क्षमता हासिल करने का भारत का महत्वाकांक्षी लक्ष्य उसे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में आशा की किरण के रूप में स्थापित करता है। उन्होंने वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। उन्होंने इंगित किया कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से प्रगति के साथ भारत नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है।
देश की सबसे बड़ी विशुद्ध हरित वित्त पोषण करने वाली एनबीएफसी के रूप में इरेडा ऊर्जा परिवर्तन के कार्य में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सीएमडी ने जोखिमों को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए नवीन वित्तीय साधनों के उपयोग के माध्यम से ऊर्जा परिवर्तन परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करने में इरेडा के प्रयासों पर जोर दिया।
विश्व ऊर्जा कांग्रेस पैनल ने मौजूदा वैश्विक ऊर्जा संकट पर भी चर्चा की, जिसमें सीएमडी ने ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विविधीकरण और मजबूत बुनियादी ढांचे के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मजबूत बिजली नेटवर्क के माध्यम से क्षेत्रीय बाजारों को एकीकृत करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने बांड बाजार को मजबूत बनाने और अतिरिक्त वैश्विक और स्थानीय निवेश बढ़ाने के लिए घरेलू पेंशन/बीमा फंड से प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) का 4% -5% नवीकरणीय ऊर्जा बांड में आवंटित करने का प्रस्ताव भी रखा।
अंत में, सीएमडी ने हरित अर्थव्यवस्था के प्रति इरेडा की निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि की। कंपनी निवेश आकर्षित करना, तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देना और नीतिगत सुधारों की वकालत करना जारी रखे हुए है। सीएमडी ने कहा कि जैसे-जैसे भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, इरेडा स्थायी और सुरक्षित ऊर्जा भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करते हुए सबसे आगे बरकरार है।
24 अप्रैल, 2024 को ” नई परस्पर निर्भरता: विश्वास, सुरक्षा और जलवायु अनुकूलन ” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में भाग लेने वाले अन्य प्रतिभागियों में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, यूरोप और हैड ऑफ कंट्री, यूके, बीपी, सुश्री लुईस किंगहम सीबीई; ग्लोबल एनर्जी एंड रिसोर्सिज स्ट्रेटेजी लीडर, ईवाई, श्री एंडी ब्रोगन; और प्रशासक, पनामा केनाल अथॉरिटी, श्री रिकुआर्टे वास्केज़ मोरालेस शामिल थे।
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