नयी दिल्ली : सामुदायिक संपर्क और युवा कौशल विकास को मजबूत बनाने के भारत सरकार के व्यापक दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, औषधि विभाग के सहयोग से, राष्ट्रीय अभियान ‘सेवा से सीखें – करके सीखें’ के अंतर्गत 1 जून 2025 से जन औषधि केंद्र (जेएके) अनुभव के आधार पर सीखने का कार्यक्रम शुरू कर रहा है।
इस 15 दिवसीय अनुभवात्मक पहल में देश भर के प्रत्येक जिले में 5 जन औषधि केंद्रों में पांच युवा स्वयंसेवकों को रखा जाता है, जिससे उन्हें इन केंद्रों के कामकाज का सीधा अनुभव प्राप्त होता है। ये युवक देश के नागरिकों को सस्ती, गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस कार्यक्रम में मेरा युवा भारत (एमवाई भारत), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), मेरा युवा भारत केंद्र (एमवाईबी केंद्र), फार्मेसी कॉलेज और अन्य युवा संगठनों जैसे मंचों से प्रतिभागी युवक शामिल होते हैं। स्वयंसेवकों को कई तरह के दायित्व दिए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:
- दैनिक संचालन और ग्राहक संपर्क में सहायता करना।
- वस्तुओं और दवा प्रबंधन में सहयोग करना।
- जेनेरिक दवाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य साक्षरता के बारे में जागरूकता को प्रोत्साहन देना।
- बैकएंड लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला प्रक्रियाओं का अवलोकन करना।
यह कार्यक्रम जन औषधि केंद्रों में युवा स्वयंसेवकों को शामिल करके, न केवल व्यावहारिक शिक्षा को प्रोत्साहन देता है, बल्कि सेवा, अनुशासन और समुदाय के अनुकूल व्यावसायिकता के मूल्यों को भी बढ़ावा देता है।
यह पहल युवा विकास और सार्वजनिक स्वास्थ्य संपर्क के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनाती है, जो भारत के युवा कार्यबल के बीच व्यावहारिक कौशल, रोजगार और क्षेत्र की तत्परता का निर्माण करते हुए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की पहुंच को बढ़ाती है।
- जन औषधि केंद्रों के कामकाज का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करना।
- वस्तुओं का प्रबंधन और बुनियादी रिकॉर्ड का रख-रखाव को सीखना।
- व्यावसायिक अनुशासन और ग्राहक प्रबंधन कौशल विकसित करना।
- सुलभ स्वास्थ्य सेवा के महत्व को समझना।
इस कार्यक्रम के माध्यम से, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय राष्ट्रीय विकास में सक्रिय योगदानकर्ता के रूप में युवाओं को सशक्त बनाने के अपने मिशन को कार्य करके सीखना के माध्यम से सुदृढ़ करता है।