नई दिल्ली : पारादीप पोर्ट अथॉरिटी (पीपीए) की असाधारण यात्रा हाल की अविश्वसनीय 145.38 एमएमटी कार्गो प्रबंधन की रिकॉर्ड उपलब्धि हासिल करने के साथ ही वित्त वर्ष 2023-24 में नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है और इस तरह से यह दीनदयाल पोर्ट, कांडला को पीछे छोड़ सबसे अधिक कार्गो हैंडलिंग करने वाले देश के प्रमुख बंदरगाह के रूप में उभरा है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB) पीपीए ने अपने परिचालन के 56 वर्षों के इतिहास में पहली बार दीनदयाल बंदरगाह द्वारा निर्धारित पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। पारादीप बंदरगाह ने साल-दर-साल के आधार पर भी 10.02 मिलियन मीट्रिक टन (7.4 प्रतिशत) यातायात की वृद्धि दर्ज की है।
वित्तीय वर्ष के दौरान बंदरगाह ने 0.76 मिलियन मीट्रिक टन वृद्धि के साथ 59.19 मिलियन मीट्रिक टन का अब तक का अधिकतम तटीय नौवहन यातायात हासिल किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.30 प्रतिशत अधिक है। थर्मल कोयला तटीय नौवहन 43.97 मिलियन मीट्रिक टन यानी पिछले वर्ष की कार्गो हैंडलिंग की तुलना में 4.02 प्रतिशत अधिक तक पहुंच गया है। इस प्रकार, पारादीप बंदरगाह देश में तटीय नौवहन के केंद्र के रूप में उभर रहा है।
@paradipport becomes #No.1 among Indian Major Ports in cargo throughput by clocking 145.38 MMT cargo throughput in FY 2023-24. pic.twitter.com/7o9Y3fIiEW
— Paradip Port Authority (@paradipport) April 2, 2024
पारादीप बंदरगाह अपनी बर्थ उत्पादकता को पिछले वित्तीय वर्ष के 31050 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 33014 मीट्रिक टन करने में सक्षम रहा है, इस प्रकार इस दिशा में 6.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पारादीप बंदरगाह द्वारा हासिल की गई बर्थ उत्पादकता देश के सभी बंदरगाहों में सबसे अधिक है। वित्तीय वर्ष के दौरान, बंदरगाह ने पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 7.65 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 21,665 रेक को संभाला है। वित्तीय वर्ष के दौरान, बंदरगाह ने पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 13.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 2710 जहाजों को संभाला है।
✅@paradipport becomes numero uno among Indian Major Ports in cargo throughput in FY 2023-24
✅Coastal shipping traffic hits an all-time high, marking Paradip Port as a key hub for maritime trade
✅Paradip Port has been able to improve its berth productivity to 33014 MT pic.twitter.com/4LLmy2X48U
— PIB in Odisha (@PIBBhubaneswar) April 2, 2024
वित्तीय वर्ष के दौरान बंदरगाह द्वारा किए गए विभिन्न प्रणालीगत सुधारों की बदौलत कार्गो हैंडलिंग में प्रदर्शन बेहतर हुआ है, जिनका विवरण निम्नलिखित है:
- मशीनीकृत कोयला हैंड प्लांट में रेक अनलोडिंग के बीच के खाली समय को कम करने के लिए बेहतर परिचालन प्रणाली के परिणामस्वरूप एमसीएचपी पर थर्मल कोयले की उच्चतम हैंडलिंग यानी 27.12 मिलियन मीट्रिक टन हुई है।
- बंदरगाह की उत्तरी गोदी को 16 मीटर ड्राफ्ट केप जहाजों की हैंडलिंग के लिए निर्धारित किया गया है।
- कोयला हैंडलिंग बर्थ पर 1 केप और 1 पैनामैक्स की एक साथ हैंडलिंग, जो पिछले वर्ष के दौरान नहीं की जा रही थी।
- पारादीप पोर्ट ने अपनी व्यवसाय विकास पहल के अंतर्गत कार्गो हैंडलिंग के लिए अपने टैरिफ को अगले 3 वर्षों के लिए 2022 के स्तर पर स्थिर कर दिया है। गौरतलब है कि टैरिफ के मामले में पारादीप बंदरगाह देश के सभी बंदरगाहों में सबसे सस्ता है।
अनंतिम वित्तीय परिणामों के संदर्भ में,
- परिचालन राजस्व पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2,074 करोड़ रुपये के मुकाबले 2,300 करोड़ रुपये को पार कर गया है, जिसके परिणामस्वरूप 14.30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- परिचालन अधिशेष 16.44 प्रतिशत की वृद्धि के साथ पिछले वर्ष के 1,300 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,510 करोड़ रुपये को पार कर गया है।
- कर पूर्व शुद्ध अधिशेष 21.26 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हुए पिछले वर्ष के 1,296 करोड़ रुपये की तुलना में 1,570 करोड़ रुपये को पार कर गया है।
- कर पश्चात शुद्ध अधिशेष भी पिछले वर्ष के 850 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,020 करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
- परिचालन अनुपात भी पिछले वर्ष के 37 प्रतिशत के मुकाबले बेहतर होकर 36 प्रतिशत हो गया है।
आज की तारीख में 289 मिलियन मीट्रिक टन रेटेड क्षमता युक्त पारादीप बंदरगाह, वेस्टर्न डॉक परियोजना के चालू होने के साथ अगले 3 वर्षों में 300 मिलियन मीट्रिक टन क्षमता के आंकड़े को पार करने के लिए तैयार है। 25 मिलियन मीट्रिक टन क्षमता वाली वेस्टर्न डॉक परियोजना का काम पीपीपी ऑपरेटर यानी मैसर्ज जे.पी.पी.एल. द्वारा जोर-शोर से जारी है। उक्त परियोजना बंदरगाह के ड्राफ्ट को भी बढ़ाएगी, जिसकी बदौलत यह बंदगाह 2026 तक पूरी तरह से लदे केप जहाजों को संभालने में सक्षम हो जाएगा।
आज की तारीख तक 80 प्रतिशत बर्थ को मशीनीकृत कर चुके पारादीप बंदगाह की मौजूदा 4 अर्ध-मशीनीकृत बर्थों के मशीनीकरण के साथ 2030 तक 100 प्रतिशत मशीनीकृत बन जाने की योजना है। बंदरगाह ने अन्य 4 बर्थ जोड़ने की भी योजना बनाई है जिसके लिए चालू वित्तीय वर्ष के दौरान ही अपेक्षित मंजूरी ले ली जाएगी।
पारादीप बंदरगाह रेल और सड़क यातायात की सर्फेस क्रॉसिंग से बचने के लिए अपने परिसर के भीतर150 करोड़ रुपये की लागत से दो सड़क फ्लाईओवर चालू करके कनेक्टिविटी में सुधार करने की योजना बना रहा है। इससे बंदरगाह सड़क यातायात को निर्बाध रूप से संभालने में सक्षम हो जाएगा।
- बंदरगाह के नेतृत्व में औद्योगीकरण की पहल के अंतर्गत, इस बंदरगाह ने विभिन्न उद्योगों को 769 एकड़ भूमि आवंटित की है, जिससे 8700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्राप्त होगा और इस प्रकार बंदरगाह पर 50 मिलियन मीट्रिक टन यातायात आएगा।
- पारादीप बंदरगाह ने हरियाली के लिए पिछले वर्ष 2 लाख पौधे लगाए हैं और वर्ष 2025 तक 1 मिलियन वृक्षारोपण तक पहुंचने की उम्मीद है।
- बंदरगाह ने अपने परिचालन को पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित करने के लिए 10 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र विकसित करने की भी योजना बनाई है। यह बंदरगाह अपने यहां एलएनजी और सीएनजी डिपो स्थापित करके हरित ईंधन स्टेशन बनाने की भी योजना बना रहा है।
- बंदरगाह का ग्रीन अमोनिया/ग्रीन हाइड्रोजन को संभालने के लिए एक विशेष बर्थ विकसित करने का भी लक्ष्य है, जिससे यह देश का हाइड्रोजन हब बंदरगाह बन जाएगा।
- बंदरगाह आईआईटी, चेन्नई के सहयोग से नवीनतम पोत यातायात प्रबंधन सूचना प्रणाली के साथ एक अत्याधुनिक सिग्नल स्टेशन विकसित कर रहा है। इससे सुरक्षा में सुधार के अलावा, जहाज प्रबंधन और समुद्री परिचालन में काफी सुधार आएगा।
पीपीए के अध्यक्ष श्री पी.एल. हरनाध ने बंदरगाह, अधिकारियों, कर्मचारी संघों, पीपीपी ऑपरेटरों, स्टीवडोर्स, नौवहन एजेंटों आदि को संरक्षण देने वाले निर्यातकों और आयातकों की पूरी टीम को बधाई दी है; जिनके संयुक्त प्रयासों की बदौलत यह शानदार उपलब्धि हासिल हुई है।
आज, पारादीप बंदरगाह भारतीय समुद्री क्षेत्र में एक चमकते सितारे की तरह है, प्रशंसा अर्जित कर रहा है और अभूतपूर्व रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है जो उत्कृष्टता के प्रति इसकी अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।