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भारी उद्योग मंत्रालय ने रुड़की के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में नवोन्मेषण को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केंद्रों तथा एक इंडस्ट्री एक्सीलेटर केंद्र की स्थापना करने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय रुड़की के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
13/03/2024
in व्‍यापार
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भारी उद्योग मंत्रालय ने रुड़की के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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नई दिल्ली : भारी उद्योग मंत्रालय और रुड़की के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने ऑटोमोटिव और  इलेक्ट्रिक वाहन  ( ईवी ) सेक्टर में नवोन्मेषण को बढ़ावा देने के लिए तथा एक साथ मिल कर काम करने के लिए एक समझौता ज्ञापन ( एमओयू ) पर हस्ताक्षर किए।पीआईबी द्वारा जारी प्रेस व‍िज्ञप्‍त‍ि के अनुसार (According to the press release issued by PIB)  इस समझौता ज्ञापन पर भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी ( वीसी के माध्यम से ) तथा भारी उद्योग मंत्रालय और उत्तराखंड राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

इस समझौता ज्ञापन पर रुड़की के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की तरफ से प्रो. के के पंत ने और भारी उद्योग मंत्रालय की तरफ से भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विजय मित्तल ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन भारी उद्योग मंत्रालय के भारतीय पूंजीगत वस्तु सेक्टर चरण ii में प्रतिस्पर्धात्मकता के संवर्धन के लिए स्कीम के तहत रुड़की के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में एक उत्कृष्टता केंद्र ( सीओई ) तथा इंडस्ट्री एक्सीलेटर केंद्र की स्थापना करने के लिए उन्नत पहलों को आरंभ करने हेतु एक संयुक्त प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है। इस सहयोग का उद्देश्य उन अभूतपूर्व परियोजनाओं, जो परिवहन के भविष्य को प्रभावित करेंगे, की सहायता करने के लिए दोनों संगठनों के संयुक्त ज्ञान और संसाधनों का उपयोग करना है।

भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए 19.8745 करोड़ रुपये के कुल अनुदान तथा उद्योग के साझीदारों द्वारा योगदान किए गए अतिरिक्त 4.78 करोड़ रुपये के साथ, इस परियोजना की लागत 24.6645 करोड़़ रुपये है। इस संयुक्त सहयोग से नवोन्मेषण के क्षेत्र में उल्लेखनीय बढोतरी होना तय है और यह शिक्षा क्षेत्र तथा उद्योग के बीच अंतराल को कम करने में सहायता करेगा। ये फंड अनुसंधान, विकास तथा कार्यान्वयन प्रयासों को और आगे बढ़ाएंगे तथा अवधारणाओं को ठोस समाधानों के रूप में परिवर्तित करेंगे।

डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूंजीगत वस्तु स्कीम द्वारा सुगम की गई नई प्रौद्योगिकीयों की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे इन पहलों ने आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने वाले विनिर्माण क्षेत्र के भीतर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के एकीकरण को गति दी है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने भारत को वैश्विक निर्यात प्रमुखता की ओर अग्रसर करने में भारी उद्योग मंत्रालय की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और आईआईटी रूड़की के प्रयासों की सराहना करते हुए इस एजेंडे को आगे बढ़ाने में उनके सक्रिय कदमों को रेखांकित किया। डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय  ने सीजी योजना के इंडस्ट्री एक्सीलेटर घटक की भी रूपरेखा तैयार की और शिक्षा तथा उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने इंडस्ट्री एक्सीलेटर और उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय और आईआईटी रूड़की के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का उल्लेख किया। इस साझेदारी के माध्यम से, कई स्टार्टअप इलेक्ट्रिक वाहनों में अग्रणी परियोजनाओं के लिए आईआईटी-रुड़की के साथ जुड़ गए हैं, जो ई-मोबिलिटी क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में पूंजीगत सामान योजना के तहत विशेष रूप से ई-मोबिलिटी क्षेत्र के लिए लाभप्रद परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय का आभार व्यक्त किया। उन्होंने महत्वपूर्ण परियोजनाओं को संबोधित करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए स्टार्टअप और उद्योगों के साथ जुड़ने की क्षमता के लिए आईआईटी रूड़की की सराहना की। उन्होंने अनुसंधान, विकास और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संस्थान के समर्पण पर भी प्रकाश डाला, जो गतिशीलता क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के राष्ट्रीय लक्ष्य के साथ संयोजित है।

आईआईटी रूड़की एक प्रमुख संस्थान और नवोन्मेषण तथा उत्कृष्टता का एक प्रसिद्ध केंद्र है। यह संस्था एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देती है जहां रूपांतरकारी विचारों को व्यक्तियों को अग्रणी बनने के लिए सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता के साथ पोषित किया जाता है।

आईसीएटी, मानेसर इस परियोजना में आईआईटी रूड़की के साथ भागीदार है, जो ऑटोमोटिव क्षेत्र में परीक्षण, प्रमाणन और अनुसंधान के लिए समर्पित एक प्रमुख सुविधा केंद्र है। आईसीएटी ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकियों के विकास, सत्यापन और समरूपीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञता के साथ, इस परियोजना में आईसीएटी ऑटोमोटिव इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स परीक्षण जैसी सेवाएं प्रदान करेगा। जैसे-जैसे भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ रहा है, आईसीएटी सबसे आगे है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए परीक्षण और विकासात्मक सेवाएं प्रदान कर रहा है।

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Tags: ministry of heavy industriesMinistry of Heavy Industries signs an MoU with Indian Institute of Technologymochan samachaarpibRoorkeeभारी उद्योग मंत्रालय ने रुड़की के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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