नई दिल्ली : भारत सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही के लिए अपने उधार कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB)
केंद्रीय बजट में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित 14.13 लाख करोड़ रुपए के सकल बाजार उधार में से, 7.50 लाख करोड़ रुपए (53.08 प्रतिशत) को पहली छमाही में दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से उधार लेने की योजना है, जिसमें 12,000 करोड़ रुपए सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (एसजीआरबीएस) जारी करने के माध्यम से शामिल हैं। बाजार फीडबैक के आधार पर और वैश्विक बाजार प्रथाओं के अनुरूप, 15 वर्षीय अवधि की एक नई दिनांकित प्रतिभूति प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
7.50 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी 26 साप्ताहिक नीलामियों के माध्यम से पूरी की जाएगी। बाजार उधार 3, 5, 7, 10, 15, 30, 40 और 50 वर्षीय प्रतिभूतियों में फैला होगा। विभिन्न परिपक्वताओं के तहत उधार लेने का हिस्सा (एसजीआरबीएस सहित) होगा: 3-वर्ष (4.80 प्रतिशत), 5-वर्ष (9.60 प्रतिशत), 7-वर्ष (8.80 प्रतिशत), 10-वर्ष (25.60 प्रतिशत), 15-वर्ष (13.87 प्रतिशत), 30-वर्ष (8.93 प्रतिशत), 40-वर्ष (19.47 प्रतिशत) और 50-वर्ष (8.93 प्रतिशत)।
सरकार प्रतिदान प्रोफाइल को सुचारू बनाने के लिए प्रतिभूतियों का स्विचिंग करना जारी रखेगी।
सरकार नीलामी अधिसूचनाओं में इंगित प्रत्येक प्रतिभूति के लिए 2,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त अभिदान बनाए रखने के लिए ग्रीनशू विकल्प का प्रयोग करने का अधिकार सुरक्षित रखना जारी रखेगी।
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में ट्रेजरी बिल जारी करने के माध्यम से साप्ताहिक उधार पहली सात नीलामियों के लिए 7,000 करोड़ रुपए और तिमाही के दौरान (-) 3,000 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के साथ बाद की छह नीलामियों के लिए 22,000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। पहली सात नीलामियों में 91 डीटीबी के अंतर्गत 12,000 करोड़ रुपये, 182 डीटीबी के तहत 7,000 करोड़ रुपये और 364 डीटीबी के अंतर्गत 8,000 करोड़ रुपये साप्ताहिक जारी किए जाएंगे और 91 डीटीबी के अंतर्गत 10,000 करोड़ रुपये, 182 डीटीबी के तहत 5,000 करोड़ रुपये और तिमाही के दौरान आयोजित की जाने वाली बाद की छह नीलामियों में 364 डीटीबी के अंतर्गत 7,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।
सरकारी खातों में अस्थायी विसंगतियों का ध्यान रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही के लिए वेज़ एंड मीन एडवांस (डब्ल्यूएमए) की सीमा 1.50 लाख करोड़ रुपए निर्धारित की है।