नई दिल्ली : भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने आज गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट-सिटी) में बेहतर फिनटेक शिक्षा, अनुसंधान व नवाचार तक पहुंच बढ़ाने के लिए 23 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB)
गिफ्ट-सिटी परियोजना में फिनटेक इंस्टीट्यूट के विकास के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ऋण समझौते पर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री जूही मुखर्जी और एडीबी की तरफ से उसके इंडिया रेजिडेंट मिशन के प्रभारी अधिकारी श्री राजेश वासुदेवन ने हस्ताक्षर किए।
गिफ्ट-सिटी भारत की वित्तीय सेवाओं और फिनटेक इको-सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और गुजरात राज्य सरकार की एक पहल है।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, सुश्री मुखर्जी ने कहा कि यह परियोजना फिनटेक शिक्षा को मजबूत करने, स्टार्ट-अप सफलता दर को बढ़ावा देने तथा फिनटेक अनुसंधान व नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय फिनटेक संस्थान (आईएफआई) की स्थापना करेगी।
श्री वासुदेवन ने कहा, “परियोजना बाजार-आधारित फिनटेक कौशल कार्यक्रमों, निजी क्षेत्र के निवेश के लिए सक्षम वातावरण बनाने तथा उद्योग, कौशल विकास संस्थानों और विकास भागीदारों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर देती है। इसके तहत भारत में फिनटेक इको-सिस्टम के समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।”
विश्वस्तर पर प्रतिष्ठित संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी में स्थापित होने वाला आईएफआई, उद्योग-संरेखित फिनटेक प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश करेगा, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं। संस्थान इन्क्यूबेशन और एक्सेलिरेशन सेवाओं के माध्यम से, विशेष रूप से महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप का समर्थन करके नवाचार व उद्यमिता को मजबूत करेगा। यह फिनटेक स्टार्ट-अप के विकास का समर्थन करने के लिए उद्योग और उद्यम पूंजी कोष के साथ भी सहयोग करेगा।
ये कदम नई और हरित प्रौद्योगिकियों में रोजगार के अवसरों, कार्यबल प्रतिस्पर्धात्मकता और उत्पादकता को बढ़ाने में योगदान देंगे।
एडीबी कार्यक्रम जलवायु फिनटेक, नियामक प्रौद्योगिकी, सामाजिक समावेशन और वित्त में लैंगिक समानता में नवीन समाधानों व प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान का समर्थन करेगा। यह परियोजना राज्य फिनटेक रेडीनेस इंडेक्स स्थापित करने तथा उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए नए समाधान विकसित करने में मदद करेगी।