नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार (23, अगस्त) को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) (Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC)) के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे करों के संबंध में जनता और व्यापारिक समुदाय द्वारा उठाई गई शंकाओं और चिंताओं का सक्रियता से समाधान करें, इससे पहले कि वे शिकायतों में बदल जाएं। वित्त मंत्री सीतारमण ने आज राजस्थान (rajasthan) के उदयपुर (udaipur) में नए जीएसटी भवन (GST BHAVAN) का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने संबोधन में कर-संबंधी मुद्दों से निपटने में निवारक दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकारी अधिकारियों को समस्याओं को उस स्तर पर हल करने को प्राथमिकता देनी चाहिए, जब वे केवल संदेह के स्तर पर हों, बजाय इसके कि उन्हें पूरी तरह से शिकायतों में तब्दील होने दिया जाए।
Smt @nsitharaman inaugurates the new GST Bhawan in Udaipur, Rajasthan.
Also present on the occasion are Hon’ble MP (LS) Shri Manna Lal Rawat (@RawatML7), Hon’ble MP (RS) Shri Chunnilal Garasiya (@clgarasiya), MLA Shri Phool Singh Meena (@Phoolsmeena) and @cbic_india Chairman… pic.twitter.com/wkktLTC4hu
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) August 23, 2024
वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के समय से सरकार के मोरेटोरियम और आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की मदद से छोटे उद्योग संकट से बाहर आ सके हैं। आप अब और आगे बढ़ें और जीएसटी को लेकर आपके मन में कोई संकोच रहना नहीं चाहिए। हमारी ओर से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि सभी जीएसटी सेंट्रल जोन और आयुक्तालयों के पास उचित भवन, कार्य स्थल तथा सुविधाएं हों, क्योंकि ये वे स्थान हैं, जहां अधिकारी करदाताओं से बातचीत करते हैं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से करदाता की शंकाओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयुक्तालयों को सूचना साझा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि इससे शिकायत निवारण में स्वतः कमी आएगी।
इससे पहले राजस्थान के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे के दूसरे दिन उदयपुर पहुंचीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुबह नाथद्वारा में प्रभु श्रीनाथजी के ग्वाल झांकी के दर्शन किए, जिसके बाद मंदिर परंपरा के अनुसार रजाई उपरना ओढ़ा कर उनका स्वागत किया गया।