कोलकाता : “हम पश्चिम बंगाल (West Bengal) के सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (prime minister narendra modi) के नेतृत्व में भारत सरकार (Indian government) राज्य के सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राज्य सरकार को पश्चिम बंगाल के लोगों के लाभ के लिए आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) को जमीनी स्तर पर लागू करना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं उच्चतम गुणवत्ता वाली हों।” केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अपने पश्चिम बंगाल दौरे के समय यह कहा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आज राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की।
अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम), टेलीमेडिसिन सेवाओं, चिकित्सा शिक्षा और सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जारी निधि की स्थिति की समीक्षा की।
इस अवसर पर डॉ. मांडविया ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र का उल्लेख करते हुए कहा, “आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र लोगों को उनके घरों के पास व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की एक शानदार पहल है।”
डॉ. मांडविया ने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पश्चिम बंगाल को निम्नलिखित संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं:
- 72 करोड़ रुपये की लागत से 800 उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये हैं।
- 75 करोड़ रुपये की लागत से दो शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और 10 करोड़ रुपये की लागत से 37 नये शहरी पीएचसी स्वीकृत।
- 404 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को मंजूरी दी गई है
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जारी निधि की स्थिति की भी समीक्षा की।उन्होंने कहा, “केन्द्र सरकार 2025 तक तपेदिक को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जारी निधि का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए।”
- डॉ. मांडविया ने आगे कहा कि 15वें वित्त आयोग के तहत 12 करोड़ रुपये की लागत से 223 प्रखंड सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों तथा 290 करोड़ रुपयेकी लागत से 719 उपकेंद्रों को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 16,82,87,430 लोगों के लिए 10,358 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र संचालित हो रहे हैं तथा 2,08,42,397 टेली-परामर्श दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) और टेलीमेडिसिन सेवाओं का हवाला देते हुए डॉ. मांडविया ने कहा, “पीएम-एबीएचआईएम पश्चिम बंगाल के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए एक बड़ी पहल है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम कर रहे हैं कि टेलीमेडिसिन सेवाएं राज्य के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध हों। डॉ. मांडविया ने राज्य में इस क्षेत्र में हुई प्रगति और विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि—-
- 727 करोड़ रुपये की लागत से 22 क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्वीकृत किए गए हैं,
- 38 करोड़ रुपये की लागत से23 एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी गई है, और
- 50 करोड़ रुपये की लागत से 510 शहरी स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों को मंजूरी दी गई है।
चिकित्सा शिक्षा और सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा में उन्होंने कहा, “हम पश्चिम बंगाल के लोगों को बेहतर चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं कि सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम सफल हो।”
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