कोलकाता : देश की पूर्व राजधानी पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के आम ने घरेलू बाजार में अपनी अच्छी मिठास फैलाई है जबकि निर्यात में फिक्की पड़ गयी है। जानकारी के अनुससार मालदा आम का निर्यात इस साल प्रभावित हुआ है क्योंकि निर्यातकों को विदेशी खरीदारों से लाभकारी दाम नहीं मिल सके। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इस बार घरेलू बाजार में आम विक्रेताओं को अच्छे दाम मिल रहे हैं। यूके और यूएई के आयातकों ने शुरू में रुचि दिखाई थी, लेकिन कीमतों पर सहमति न होने के कारण निर्यात नहीं हो सका। दिल्ली में एक एक्सपो में मालदा के करीब 17 टन आम 100 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बेचे गए। थोक कीमतों में 50-80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसका कारण कम उत्पादन और उच्च गुणवत्ता है।
मालदा के बागवानी उपनिदेशक समंता लायक ने बताया, “इस साल यूके और दुबई के खरीदारों ने हमारी कीमतों पर सहमति नहीं जताई। लायक ने बताया कि इस साल उत्पादन में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसका कारण गर्मी की लहरें और असमय बारिश हैं। इस साल उत्पादन 2.2 लाख टन रहा जबकि 2023 में 3.79 लाख टन था। हालांकि, दिल्ली मैंगो फेस्टिवल में मालदा आम को अच्छी प्रतिक्रिया मिली। लायक ने कहा, “मालदा आम 100 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बेचे गए।”
पश्चिम बंगाल निर्यातक समन्वय समिति के महासचिव उज्ज्वल साहा ने बताया कि हिम्मसागर किस्म के 1300 किलोग्राम आम के पहले चरण की शिपमेंट की प्रगति हुई थी, लेकिन अंतिम चरण में कीमतों पर सहमति नहीं बनी। मालदा के विक्रेता पिछले दो साल से आम का निर्यात नहीं कर पाए हैं। इस साल भी यह प्रयास सफल नहीं हो सका।
साहा ने कहा कि आम उत्पादकों को सरकार से अधिक समर्थन चाहिए। इसमें कीटनाशक प्रबंधन और बेहतर प्रसंस्करण एवं भंडारण सुविधाएं शामिल हैं। मालदा में फजली, हिम्मसागर, लक्ष्मणभोग, लेंगड़ा और आम्रपाली जैसी किस्में उपलब्ध हैं। हिम्मसागर आम अपनी मिठास और लेंगड़ा अपनी सुगंध के लिए प्रसिद्ध है।