कोलकाता : येज़दी नागपोरवाला, सीईओ, केपीएमजी इंडिया ने कहा कि अंतरिम बजट ने यह सुनिश्चित किया है कि अल्पकालिक राजनीतिक मजबूरियों से प्रभावित न हों और राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखा जाए। बजट की अंतरिम प्रकृति के बावजूद, बजट 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य के साथ अमृत काल की अपनी यात्रा जारी रखता है, जिसमें (ए) हरित विकास (बी) गरीबों, महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए समान और समावेशी विकास की प्रतिबद्धता पर ध्यान केंद्रित किया गया है। युवा और किसान (सी) बुनियादी ढांचे का विकास और (डी) राजकोषीय विवेक। इनसे नए अवसर पैदा होने, मांग बढ़ने और अर्थव्यवस्था के लिए गुणक अनलॉक होने की उम्मीद है। बजट का मुख्य आकर्षण वित्तीय वर्ष 25 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान जीडीपी के 5.1 प्रतिशत के साथ राजकोषीय शुद्धता था। हालांकि, अंतरिम बजट में बाधाओं के कारण कराधान के मोर्चे पर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई, लेकिन बिना किसी आश्चर्य के नीति की निरंतरता और निरंतरता सकारात्मक है।