कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सी वी आनंद बोस ने रविवार को कहा कि राज्य ‘‘धार्मिक अहंकार को खत्म करने के लिए तैयार है।’’’ राज्यपाल का परोक्ष तौर पर इशारा एक दिन पहले मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने की घटना की ओर था। सस्पेंड किए गए तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार को मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनी एक मस्जिद की नींव रखी।

यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता पाठ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए भी तैयार है।उन्होंने विभिन्न धार्मिक ग्रंथों से पाठ करते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल धार्मिक घमंड खत्म करने के लिए तैयार है।” गवर्नर ने किसी का नाम लिए बिना या किसी कार्यक्रम का जिक्र किए बिना कहा कि उन्होंने शनिवार को मुर्शिदाबाद में कुछ होते हुए देखा।

“परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् धर्म-संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे”
भगवद गीता से पाठ करते हुए गवर्नर ने कहा, “परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् धर्म-संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे”, जिसका अर्थ है “सज्जनों की रक्षा के लिए, दुष्टों का विनाश करने के लिए, और धर्म के सिद्धांतों को फिर से स्थापित करने के लिए मैं हर युग में इस धरती पर प्रकट होता हूं।” ‘पंच लक्खो कोंठे गीता पाठ’ (पांच लाख आवाजों में गीता पाठ) कार्यक्रम सनातन संस्कृति संसद द्वारा आयोजित किया गया था, जो विभिन्न मठों और हिंदू धार्मिक संस्थानों के साधुओं और आध्यात्मिक नेताओं का एक समूह है।

कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले के रेजीनगर में अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनी एक मस्जिद की नींव रखी, जिससे राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक विश्लेषकों ने दावा किया कि यह कार्यक्रम जानबूझकर 6 दिसंबर को रखा गया था, जो 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी है।

विशाल जनसमूह का अभिवादन किया और अपनी शुभकामनाएँ दीं
अपने संबोधन में गवर्नर ने कहा कि श्रीमद् भगवद गीता का बहुत महत्व है और इसका प्रभाव आध्यात्मिक, दार्शनिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों तक फैला हुआ है। गीता को ‘भगवान का गीत’ कहा जाता है और यह हमारे जीवन के हर पहलू में व्याप्त है। हम अपने समाज और मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए निस्वार्थ कर्म करने के लिए श्रीमद् भगवद गीता से प्रेरणा, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। श्रीमद् भगवद गीता उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने और अपने अस्तित्व में अर्थ खोजने के लिए एक कालातीत मार्गदर्शक है।
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