कोलकाता : पश्चिम बंगाल के माननीय राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के सिलीगुड़ी फ्रंटियर मुख्यालय के अंतर्गत भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 41वीं बटालियन, रानी डांगा के परिचालन क्षेत्रों का दौरा किया, जिसमें पानीटंकी और गोरसिंग बस्ती शामिल हैं।
राज्यपाल ने सबसे पहले पानीटंकी सीमा चौकी के अंतर्गत पुराने मेची पुल का दौरा किया। सिलीगुड़ी फ्रंटियर के महानिरीक्षक श्री सुधीर कुमार ने माननीय राज्यपाल को भारत-नेपाल सीमा पर विस्तृत जानकारी दी।
इसके बाद, उन्होंने पानीटंकी में बीआईटी चेक पोस्ट का दौरा किया और वहां तैनात एसएसबी कर्मियों से बातचीत की। बाद में, वे गोरसिंग बस्ती सीमा चौकी पहुंचे, जहां उन्होंने सैनिकों का सम्मेलन आयोजित किया और सैनिकों के साथ चर्चा की।
उन्होंने राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा में एसएसबी की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की तथा देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए इसकी अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की। राज्यपाल ने अधिकारियों से सुरक्षा व्यवस्था, सीमा प्रबंधन तथा तस्करी विरोधी अभियानों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे जवानों के समर्पण की सराहना की तथा उनकी सेवा की सराहना की। गोरसिंग बस्ती सीमा चौकी पर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम के रूप में पौधारोपण भी किया।
अपने दौरे के दौरान राज्यपाल ने स्थानीय ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों तथा स्कूली छात्रों से बातचीत की तथा उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर शारदा विद्या मंदिर के छात्रों तथा स्थानीय युवाओं ने देशभक्ति गीतों पर समूह नृत्य प्रस्तुत किया तथा संथाली, राजबंशी तथा नेपाली समुदाय के मनमोहक पारंपरिक प्रदर्शन किए, जिसकी राज्यपाल ने खूब सराहना की। उन्होंने छात्रों तथा युवाओं को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित भी किया।
एसएसबी जैज बैंड ने मधुर संगीत प्रस्तुत किया, जिसकी खूब प्रशंसा हुई। इसके बाद राज्यपाल ने सभी अधिकारियों, जवानों, स्थानीय ग्रामीणों तथा छात्रों के साथ सामूहिक भोज में भाग लिया। इसके बाद उन्होंने भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा परिदृश्य पर एसएसबी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर इस क्षेत्र में नेपाल और भूटान के साथ निर्बाध, मैत्रीपूर्ण, फिर भी संवेदनशील राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए समर्पित है। वर्ष 2023-24 के लिए सिलीगुड़ी फ्रंटियर के महानिरीक्षक श्री सुधीर कुमार के नेतृत्व में 41वीं और 53वीं बटालियन को क्रमशः भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं पर सर्वश्रेष्ठ परिचालन बटालियन होने के लिए माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा सम्मानित किया गया।
पानीटंकी दार्जिलिंग जिले के खोरीबाड़ी ब्लॉक और पुलिस स्टेशन की रानीगंज पंचायत के अंतर्गत आता है। यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से नक्सलबाड़ी क्षेत्र से जुड़ा हुआ था, जो 1960 के दशक के अंत में वामपंथी उग्रवाद का केंद्र था। इसके अतिरिक्त, यह 1990 के दशक में अलगाववादी संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) के लिए एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में कार्य करता था।
एसएसबी पानीटंकी सीमा चौकी की स्थापना 2007 में की गई थी। रोजाना 50,000 से अधिक लोगों और हजारों वाहनों के आवागमन के कारण पानीटंकी को पूर्वी नेपाल का प्रवेश द्वार माना जाता है। मेची नदी के किनारे स्थित यह चौकी रणनीतिक रूप से संवेदनशील “चिकन नेक” क्षेत्र में स्थित है, जो इसे अवैध घुसपैठ, तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे सीमा पार अपराधों के लिए अत्यधिक संवेदनशील बनाता है।
पिछले कुछ वर्षों में, पानीटंकी चेक पोस्ट पर एसएसबी कर्मियों ने सैकड़ों अपराधियों और अवैध घुसपैठियों को पकड़ा है, जिससे इसे सबसे अच्छी परिचालन सीमा चौकी के रूप में मान्यता मिली है। यहां, सीमा पर कांटेदार तार या वीजा प्रतिबंध नहीं बल्कि भाईचारे और आत्मीयता के बंधन हैं। हालांकि, अपराधी और घुसपैठिए अवैध गतिविधियों के लिए इस खुली सीमा का फायदा उठाने का प्रयास करते हैं।
रोजाना हजारों लोगों की आवाजाही पर नजर रखना और घुसपैठियों और अपराधियों की पहचान करना घास के ढेर में सुई खोजने जैसा है। राज्यपाल के दौरे से एसएसबी कर्मियों में नया उत्साह और प्रेरणा का संचार हुआ है।