कोलकाता: केरल में बंगाली डायस्पोरा का तीन दिवसीय महोत्सव शुक्रवार (08-11-2024) को कोच्चि में केरल फाइन आर्ट्स सोसाइटी हॉल में शुरू होगा। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।
यह कार्यक्रम केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत सांस्कृतिक संस्थानों दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र और पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा कोचीन फाइन आर्ट्स सोसाइटी के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। सभी कार्यक्रमों में प्रवेश निःशुल्क है। श्री के.के. गोपालकृष्णन ने यह भी बताया कि शनिवार को रात 8:30 बजे केरल में बंगाली समुदाय द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
आयोजन के संबंध में आज कोच्चि में आयोजित एक प्रेस वार्ता में दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक श्री केके गोपालकृष्णन ने बताया कि महोत्सव के तहत शुक्रवार और रविवार को शाम 6 बजे तथा शनिवार को शाम 4 बजे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रेस वार्ता में केरल ललित कला सोसायटी के अध्यक्ष जी. गोपीनाथन और संयुक्त सचिव के.एस. प्रकाश भी मौजूद थे।
यह लोगों के मिशन ‘अपना भारत जागदा बंगाल’ का भी एक हिस्सा है, जिसे डॉ. सीवी आनंद बोस के पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर बनाया गया था।
श्री केके गोपालकृष्णन ने बताया कि कोच्चि निवासियों को एक ही स्थान पर अनूठी कलाओं और खेलों का आनंद लेने का दुर्लभ अवसर मिलेगा, जिसमें बंगाल के प्राचीन संगीत वाद्ययंत्रों का बजाना; रवींद्रनाथ टैगोर के चार नृत्य-आधारित नाटक; प्रसिद्ध ‘बाऊल गीत’, ‘शहनाई’ पुरुलिया छऊ नृत्य शैली’ जो पुरुलिया जिले का बहुत ही रंगीन और जीवंत रूप है; ‘गौड़िया नृत्य’ जो एक प्राचीन अनूठा नृत्य रूप है और ‘श्यामा संगीत’ जो बंगाल की लोक संस्कृति का हिस्सा है।
बंगाली महोत्सव का एक और आकर्षण पंचकबीर गणमाला है, जिसमें पंचकवियों – रवींद्रनाथ टैगोर, काजी नसरुल इस्लाम, द्विजेंद्रलाल रॉय, रजनीकांत सेन और अतुल प्रसाद सेन के प्रसिद्ध गीत शामिल हैं। इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में एक साहित्यिक चर्चा भी आयोजित की जाती है, जिसमें बंगाल की प्रसिद्ध कवि रीना गिरी, कहानीकार जयंत डे, कवि और लघु कथाकार डॉ. तमाल लाहा, मलयालम लेखक डॉ. एमजी शशिभूषण, अलंकोड लीलाकृष्णन और पैपरा राधाकृष्णन शामिल होंगे।
Source: rajbhavan