कोलकाता : रेल मंत्रालय के अधीनस्थ मिनीरत्न-1 कंपनी ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड (बीसीएल) देश का कंटेनर हब बनने की ओर अग्रसर है। भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रमों को मजबूती देते हुए बीसीएल ने ग्रीन हाइड्रोजन उपकरण के परिवहन के लिए देश का पहला कंटेनर बनाया है।
40 फीट x 8 फीट x 9.6 फीट इंसुलेटेड और वेंटिलेटेड कंटेनर को सौर और पवन जैसे नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न बिजली का उपयोग करके हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में पानी के विभाजन की इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रिया के लिए डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। इस प्रकार का विशेष और अनुकूलित कंटेनर भारत में पहली बार बनाया गया है। सफल परीक्षण के बाद, बीसीएल को विभिन्न क्षेत्रों और उद्योग घरानों से और अधिक ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
यह कंटेनर सामान्य आईएसओ कंटेनरों से अलग है और इसमें 9 दरवाजे, 7 वेंटिलेटर हैं। यह स्टैक अरेंजमेंट यूनिट, कूलिंग यूनिट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, एयर-कूलर, रेक्टिफायर, हाइड्रोजन प्यूरिफिकेशन यूनिट, इलेक्ट्रिकल कैबिनेट और एग्जॉस्ट फैन से लैस है। हाइड्रोजन उत्पाद को प्यूरिफिकेशन यूनिट- एयर कूलर/कूलिंग यूनिट के जरिए शुद्ध किया जाएगा, जिसे छत पर लगाया गया है।
बीसीएल की इस उपलब्धि पर अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मोहम्मद असद आलम ने कहा, ‘बीसीएल ने देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन कंटेनर विकसित किया है और यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। सफल परीक्षण और कमीशनिंग के बाद, बीसीएल को भारत और विदेशों में विभिन्न क्षेत्रों/उद्योग घरानों से बड़ी संख्या में ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। पहले ये कंटेनर स्वीडन से आयात किए जाते थे, लेकिन स्वदेशी डिजाइन और डेवलपमेंट के साथ यह लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए बहुत लागत प्रभावी होगा।’
एक प्रमुख हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी कंपनी ग्रीनएच इलेक्ट्रोलिसिस प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम ने एच2बी2 इलेक्ट्रोलिसिस टेक्नोलॉजी- स्पेन/जर्मनी के साथ संयुक्त उद्यम में बीसीएल को ऑर्डर दिया।