कोलकाता : मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (Merchants Chamber Of Commerce And Industry) ने सोमवार, 7 अगस्त को भारतीय संविधान पर लोकाचार: विविधता में एकता (Ethos on the Indian Constitution: Unity in Diversity ) पर एक सत्र का आयोजन किया, जिसमें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (West Bengal Governor CV Anand Bose) और भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Former President of India Ram Nath Kovind) दोनों उपस्थित थे। कोविंद और बोस दोनों ने संविधान का चित्रण किया और इसकी पवित्रता और धर्मनिरपेक्षता की भावना को बरकरार रखा।
बोस ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान बनाना आसान है लेकिन इसके साथ काम करना कठिन है। भारतीय संविधान का निर्माण हो चुका था और हम भारत के लोग अभी भी समय के अनुरूप कानूनों में संशोधन करने का काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संवैधानिक कर्तव्य पहला लोगों की भलाई के लिए, दूसरा लोगों की भलाई के लिए और तीसरा लोगों की भलाई के लिए है। उन्होंने कहा कि पूरा भारत प्रत्येक व्यक्ति का है, प्रत्येक व्यक्ति पूरे भारत का है। उन्होंने बंगाल से भ्रष्टाचार और हिंसा छोड़ने का आह्वान किया और लोगों से अपील की कि वे पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा दोनों को ‘प्रतीकात्मक’ तौर पर दफन कर दें।
कोविंद ने चैंबर की सराहना करते हुए कहा, जब अधिकांश बिजनेस चैंबर केवल व्यापार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करते हैं, तो मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने संविधान के लोकाचार जैसे मुद्दों को उठाकर एक उदाहरण स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि कोलकाता अपने आप में बहु धर्म और बहु भाषा विज्ञान के संगम के साथ विविधता में एकता का उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि भारत में हर 4 किलोमीटर पर एक भाषा की बोली में बदलाव होता है और हर 8 किलोमीटर पर भाषा में बदलाव होता है। भारत की विविध संस्कृति हजारों वर्षों से इसी प्रकार विद्यमान है और आगे भी रहेगी। चूंकि देश ने सदियों से विभिन्न समुदायों और विभिन्न संप्रदायों के कई शासकों को स्वीकार किया है, इस तरह से भारत विविधता वाले देश के रूप में विकसित हुआ है।
कोविंद ने संविधान की प्रस्तावना पर जोर देते हुए कहा कि यह देश की प्रेरक शक्ति है
MCCI PRESIDENT NAMIT BAJORIA SAID…
MCCI SENIOR VICE PRESIDENT LALIT BERIWAL SAID…
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