नई दिल्ली : जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) पर भगवान बिरसा मुंडा (lord birsa munda) को श्रद्धांजलि देते हुए, डाक विभाग ने महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित करने के लिए उनकी 150वीं जयंती के अवसर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। इस डाक टिकट को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के जमुई में आयोजित एक भव्य समारोह में बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति में जारी किया।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विशेष डाक टिकट जारी किया गया
15 नवंबर 1875 को बिहार (वर्तमान झारखंड) के उलिहातु में जन्मे बिरसा मुंडा ने 1899 से 1900 तक ऐतिहासिक उलगुलान (महान विद्रोह) का नेतृत्व किया, जिसमें आदिवासी भूमि को पुनः प्राप्त करने और औपनिवेशिक उत्पीड़न का विरोध करने के लिए उन्होंने हजारों लोगों को एकजुट किया। “मुंडा राज” के लिए उनका समर्थन शोषण से मुक्त एक न्यायपूर्ण और स्व-शासित समाज के उनके सपने का प्रतीक थी। 25 वर्ष की आयु में ही वे इस दुनिया को छोड़कर चले गए थे, लेकिन उनका साहस और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति का उनका संदेश पूरे देश में समुदायों को आज भी प्रेरित करता है।
बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर स्मारक डाक टिकट
https://drive.google.com/file/d/1Hl1KV5c9yDA-8k-f10z3D6u06un-QpFq/view?usp=sharing
श्री शंख सामंत द्वारा डिजाइन किए गए इस डाक टिकट में भगवान बिरसा मुंडा का एक शक्तिशाली चित्रण है, जिसकी पृष्ठभूमि में उन्हें अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए दिखाया गया है। उनकी दृढ़ अभिव्यक्ति आदिवासी एकता, सशक्तिकरण और स्वशासन के लिए उनके अटूट विजन का प्रतीक है। यह स्मारक डाक टिकट भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके महान योगदान और आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए एक कालातीत श्रद्धांजलि है।
स्मारक डाक टिकट, फर्स्ट डे कवर (एफडीसी) और ब्रोशर के साथ, संग्रहणीय वस्तु के रूप में उपलब्ध है, जो भारत की स्वतंत्रता में भगवान बिरसा मुंडा के अमूल्य योगदान और आदिवासी समुदायों पर उनके स्थायी प्रभाव का जश्न मनाता है। अपना संग्रह अभी प्राप्त करने के लिए https://www.epostoffice.gov.in/ पर जाएँ।