नई दिल्ली : दूसरे राष्ट्रीय लाइटहाउस महोत्सव (National Lighthouse Festival) के पहले दिन, पत्तन, पोत परिहन और जलमार्ग मंत्री (MoPSW) ने आज पुरी में लाइटहाउस पर्यटन सम्मेलन 2024 (Lighthouse Tourism Conference 2024) की मेजबानी की, जिसमें सरकारी अधिकारियों, पर्यटन विशेषज्ञों और संरक्षणवादियों सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों ने शिरकत की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लाइटहाउस पर्यटन (Lighthouse Tours) की विशाल संभावनाओं और इन समुद्री संरचनाओं के संरक्षण के लिए रणनीतियों का पता लगाना है जिसमें पर्यटन विकास के साथ विरासत का संरक्षण करना शामिल है।
मंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने कहा, “भारत की समुद्री विरासत की अपार संभावनाओं को उजागर करने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने हमारे ऐतिहासिक प्रकाश स्तंभों को पुनर्जीवित करने के लिए एक बदलावकारी यात्रा शुरू की है। ये शानदार संरचनाएं, जिन्होंने लंबे समय से नाविकों का मार्गदर्शन किया है, अब पर्यटन, संस्कृति और शिक्षा के केंद्रों के रूप में विकसित हो रही हैं। देश भर में 75 प्रतिष्ठित प्रकाश स्तंभों के विकास के साथ, हम न केवल इतिहास को संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि मनोरंजन और सामुदायिक जुड़ाव के लिए जीवंत स्थल भी बना रहे हैं।”
लाइटहाउस और लाइटशिप महानिदेशालय (डीजीएल) द्वारा एक विस्तृत प्रस्तुति में भारत में लाइटहाउस पर्यटन की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को प्रदर्शित किया गया, जिसमें वर्तमान में चल रही विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला गया। माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में 60 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 9 तटीय राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में 75 प्रतिष्ठित लाइटहाउस विकसित किए गए हैं। प्रत्येक लाइटहाउस विरासत और मनोरंजन दोनों का प्रतीक बन गए हैं, जिसमें संग्रहालय, एम्फीथिएटर, बच्चों के पार्क जैसी कई आधुनिक सुविधाएँ हैं। ओडिशा में, पाँच लाइटहाउस- गोपालपुर, पुरी, चंद्रभागा, पारादीप और फाल्स पॉइंट- को लाइटहाउस पर्यटन को बढ़ावा देने की इस पहल के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।
प्रस्तुति के बाद दो दिलचस्प पैनल सत्रों का आयोजन किया गया। गौरव नागर द्वारा संचालित पहला सत्र “लाइटहाउस पर्यटन और विरासत” पर केंद्रित था। कपिल मोहन (एआईएस सेवानिवृत्त), देबाशीष मिश्रा और प्रसिद्ध फोटोग्राफर दिनेश खन्ना सहित वक्ताओं ने लाइटहाउस के सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व और उन्हें पर्यटन स्थल के रूप में उपयोग करने की क्षमता पर चर्चा की। गौरव नागर द्वारा संचालित दूसरा सत्र भी “लाइटहाउस को सुरक्षित रखने और संरक्षण” पर केंद्रित था। राजा परीजा, कैप्टन देवब्रत मिश्रा और संगीता ठाकुर जैसे विशेषज्ञों ने पर्यटन की बढ़ती मांग के साथ विरासत संरक्षण को संतुलित करते हुए टिकाऊ संरक्षण तकनीकों पर विचार-विमर्श किया।
इस संवादमूलक वार्ता ने भारत में लाइटहाउस पर्यटन को मजबूत करने के लिए प्रमुख उद्योग खिलाड़ियों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित किया। इस सम्मेलन के माध्यम से, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय का उद्देश्य इतिहास और पर्यटन के अनूठे मिश्रण के बारे में जागरूकता फैलाना है जिसका प्रतिनिधित्व लाइटहाउस करते हैं और यह संदेश देना भी है कि कैसे उनका संरक्षण भविष्य की पीढ़ियों के लिए आवश्यक है। इस कार्यक्रम लाइटहाउस पर्यटन क्षेत्र में आगामी पहलों और सहयोग के लिए मंच तैयार किया है।
नोट: शाम को पुरी के तालाबानिया ग्राउंड में लाइटहाउस टूरिज्म फेस्टिवल में भव्य सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया जाएगा। उत्सव की शुरुआत गणेश वंदना के आह्वान नृत्य से होगी, जिसके बाद असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हुए पारंपरिक असमिया प्रस्तुति का एक आकर्षक मिश्रण होगा। शाम के समापन अवसर पर, प्रसिद्ध गायक पापोन एक विशेष आकर्षक प्रस्तुति के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देंगे जिसमें भारत की समुद्री विरासत और लाइटहाउस पर्यटन की अ द्भुत झलक मिलेगी। यह कार्यक्रम परंपरा, कला और मनोरंजन का मिश्रण होने का वादा करता है, जो लोगों को एक जीवंत सांस्कृतिक प्रस्तुति के मंच पर एक साथ लाएगा।