नई दिल्ली : केरल के वायनाड में 29-30 जुलाई की रात 2 बजे से 4 बजे के बीच लैंडस्लाइड की 4 घटनाएं हुई थीं। चार गांव बह गए थे। हादसे के चौथे दिन सेना ने 4 लोगों को जिंदा निकाला। इनमें दो महिला और पुरूष हैं। चारों एक ही परिवार के हैं। ये पदावेट्टी कुन्नू में फंसे हुए थे। भूस्खलन के चौथे दिन शुक्रवार को बचावकर्मियों की 40 टीम ने बारिश और प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच तलाश एवं बचाव अभियान शुरू किया और चार लोगों को बचाया।
हादसे में अब तक मरने वालों की संख्या 308 हो गई है। 130 लोग अस्पताल में हैं, जबकि हादसे के चार दिन बाद भी 206 लोग लापता हैं। सेना अब मोबाइल के लास्ट लोकेशन के हिसाब से लोगों को ढूंढ़ने का काम कर रही है।
#WATCH | Kerala: Search and rescue operations continue at landslide-affected Mundakkai, Chooralmala in Wayanad.
The death toll stands at 308. pic.twitter.com/HJbbLGEpqs
— ANI (@ANI) August 2, 2024
आर्मी के जनरल ऑफिसर कमांडिग मेजर जनरल वीटी मैथ्यू ने कहा कि मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है। अब केवल डेडबॉडी ढूंढ़ी जा रही हैं।
भारतीय सेना की तरफ से कहा गया कि ऑपरेशन को सटीकता और सावधानी के साथ अंजाम दिया गया, जिससे सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। घायलों को निकालने में समन्वय बनाया गया और बचाव कार्य को सुविधाजनक बनाने के लिए लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) का उपयोग किया गया। ऑपरेशन की तेजी के चलते मलबे के बीच फंसे हुए लोगों को समय पर निकाला जा सका है।
ब्रिज बनने से बचाव कार्य में तेजी
अधिकारियों ने बताया कि 190 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने से बचाव अभियान में तेजी आई है। इस पुल के जरिए खुदाई करने वाली मशीनों सहित भारी मशीनें और एम्बुलेंस मुंडक्कई और चूरलमाला तक पहुंच पाएंगी। बचावकर्मियों की 40 टीम भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के छह जोन अट्टामाला और आरणमाला, मुंडक्कई, पुंचिरिमट्टम,वेल्लारीमाला गांव, जीवीएचएसएस वेल्लारीमाला में पीड़ितों की तलाश करेंगी। बचावकर्मियों की टीम में सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) , डीएसजी, तटरक्षक बल, नौसेना और एमईजी के कर्मियों के साथ-साथ तीन स्थानीय लोग और वन विभाग का कर्मचारी शामिल होगा।