नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (SUPREME COURT) ने संदेशखाली (SANDESHKHALI) में महिलाओं के यौन शोषण और जमीन हथियाने व राशन घोटाले से जुड़े सभी मामलों की जांच सीबीआई (CBI) को सौंपे जाने के कलकत्ता हाई कोर्ट (CALCUTTA HIGH COURT) के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार (WEST BENGAL GOVERNMENT) की अर्जी को खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार किसी शख्स को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है।
5 मार्च को कलकत्ता हाई कोर्ट ने ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोपित शाहजहां शेख काफी प्रभावी व्यक्ति हैं और उसका सत्ताधारी दल से संबंध है। राज्य की पुलिस ने उसे बचाने के लिए लुका-छिपी का खेल खेला।
उल्लेखनीय है कि ईडी अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख के यहां छापा मारने गए थे, जहां उन पर हमला किया गया था। हाई कोर्ट में ईडी ने पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी जिसके बाद शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपा गया।
इससे पहले 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी। उस समय कोर्ट ने कहा था मामले की सुनवाई गर्मियों की छुट्टी के बाद होगी।
दरअसल संदेशखाली में जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के मामले में सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था, हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।