नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar ) ने आज विश्व सिकल सेल दिवस-2024 (World Sickle Cell Day-2024) के अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार (madhya pradesh) द्वारा डिण्डौरी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा ‘सिकल सेल जागरूकता’ (Sickle Cell Awareness) पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा सिकल सेल (Sickle Cell) के स्क्रीनिंग शिविर (Screening Camps) का भी निरीक्षण किया।
2047 तक भारत को सिकल सेल बीमारी से मुक्त करने के उद्देश्य से प्रारंभ किये गये राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन-2047 की प्रशंसा करते हुए श्री धनखड़ ने सभी से सक्रिय होकर इस मिशन को सफल बनाने के लिए कार्य करने का आह्वान किया। उनहोंने कहा कि “2047 का हवन शुरू हो चुका है और इस हवन में सभी को आहुति देनी है… भारत की प्रगति पर कोई अंकुश नहीं लगा पाएगा और पूर्ण आहुति तब होगी जब सिकल सेल का उन्मूलन 2046 में पूर्ण रूप से होगा।”
राष्ट्र निर्माण में जनजातियों के योगदान का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय प्रजातंत्र में जनजातियों का वही स्थान है जो मानव शरीर में रीढ़ की हड्डी का है क्योंकि जनजातियां भारतीय संस्कृति और प्रजातंत्र को स्थायित्व और मजबूती से खड़े होने का बल देती हैं। जनजातियों के विकास के प्रति समर्पण और संकल्प पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में वह दिन स्वर्ण अक्षरों में लिख गया जिस दिन भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मु जी ने शपथ ली थी।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगू भाई सी पटेल, प्रदेश के मुख्यमंत्री, डॉ मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री श्री राजेश शुक्ला, मध्य प्रदेश के श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सिकल सेल के क्षेत्र कार्य कर रहे चिकित्साकर्मी और शोधकर्ता एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।