नई दिल्ली : भारत-बांग्लादेश के बीच सिविल सेवा क्षमता निर्माण पर द्विपक्षीय वार्ता आज से शुरू हो गयी है । प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) का एक प्रतिनिधिमंडल भारत के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) और बांग्लादेश के लोक प्रशासन मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन को नवीनीकृत करने पर द्विपक्षीय चर्चा के लिए बांग्लादेश का दौरा करने के लिए तैयार है।
सचिव वी. श्रीनिवास के नेतृत्व में चार सदस्यों वाला डीएआरपीजी प्रतिनिधिमंडल 28 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2024 तक बांगलादेश के दौरे पर होंगे। यात्रा का उद्देश्य बांग्लादेश सिविल सेवकों के लिए कैरियर क्षमता-निर्माण कार्यक्रम 2024-2029 की अवधि के लिए एमओयू के नवीनीकरण पर बातचीत करना है।
गौरतलब है कि 2014 से, एनसीजीजी और बांग्लादेश लोक प्रशासन मंत्रालय के बीच क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर सहयोग जारी है अब तक इस पर करीब 71 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं और एनसीजीजी में 2600 बांग्लादेश सिविल सेवकों की मेजबानी की है। इन कार्यक्रमों के महत्वको पहचानते हुए बांग्लादेश सरकार ने एमओयू को अगले पांच वर्षों के लिए नवीनीकृत करने में इच्छा जताई है, जोकि 2025 में समाप्त हो रहा है।
यात्रा के दौरान, सचिव वी. श्रीनिवास प्रमुख अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे, जिनमें माननीय लोक प्रशासन मंत्री, लोक प्रशासन मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव और विभिन्न प्रशासनिक अकादमियों और प्रशिक्षण केंद्रों के महानिदेशक शामिल होंगे। सचिव श्रीनिवास “सार्वजनिक सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए स्मार्ट गवर्नेंस के संस्थागतकरण” पर एक व्याख्यान भी देंगे और एनसीजीजी कार्यक्रमों के पूर्व छात्रों के साथ भी जुड़ेंगे।
इसके अतिरिक्त, प्रतिनिधिमंडल नारायणगंज जिले में आश्रय परियोजना का दौरा करेगा और बांग्लादेश सिविल सेवा प्रशासन अकादमी में कानून और प्रशासन पाठ्यक्रमों के प्रतिभागियों के साथ बातचीत करेगा। यह यात्रा सिविल सेवा क्षमता निर्माण पहल में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।