नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस -2024 की 100 दिनों की उलटी गिनती के उपलक्ष्य में आज विज्ञान भवन में योग महोत्सव-2024, कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB) यह कार्यक्रम इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम “महिला सशक्तिकरण के लिए योग” के साथ मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। इस वर्ष 10 वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा।
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि योग महोत्सव 2024 का उद्देश्य महिलाओं की भलाई पर फोकस करने और वैश्विक स्वास्थ्य और शांति को बढ़ावा देने के साथ योग को एक व्यापक आंदोलन बनाना है। मंत्रालय ने पीसीओएस/पीसीओडी, तनाव प्रबंधन और इसी तरह की अन्य स्थितियों सहित महिलाओं को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों पर सक्रिय रूप से अध्ययनों का समर्थन किया है, ताकि उनकी उम्र या स्थिति पर ध्यान दिए बिना महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया जा सके, साक्ष्य-आधारित अनुसंधान के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित किया जा सके। योग महिलाओं को सशक्त बनाने, उनके शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए एक व्यापक साधन है। सशक्त महिलाएं नेताओं, शिक्षकों और परिवर्तन की भूमिकाएँ निभाती हैं, समाज में समावेशिता, विविधता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देती हैं।
योग संस्थान, मुंबई की निदेशक श्रीमती हंसाजी जयदेव ने कहा कि ‘मन की संतुलित अवस्था ही योग है’। उन्होंने अच्छे कार्यों के स्थायी मूल्य पर भी जोर दिया, वे सबसे साधन हैं जो हमें हमेशा के लिए बनाए रखते हैं। उन्होंने जिस रूप में लोग हैं उसी रूप में उन्हें स्वीकार करने के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि दूसरों के कार्यों से स्वयं को परेशान करने के बजाय उन्हें समझने में प्रसन्नता होती है।
श्रीमती जयदेव ने इस बात पर भी बल दिया कि योग अनिवार्य रूप से जागरूकता का विज्ञान है, जो व्यक्तियों को अपने शरीर, मस्तिष्क और पर्यावरण के बारे में गहरी जागरूकता पैदा करने में सक्षम बनाता है।
एसवीवाईएएसए विश्वविद्यालय, बेंगलुरु के कुलपति डॉ. एच. आर. नागेंद्र ने कहा कि योग समग्र जीवन का विज्ञान है। उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवन शैली के विकारों के साथ-साथ गैर-संचारी रोगों से उत्पन्न चुनौतियों से आयुष स्वास्थ्य देखभाल, विशेष रूप से, हमारे दैनिक जीवन में योग को एकीकृत करके प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है। डॉ. नागेंद्र ने इस वैश्विक आंदोलन का नेतृत्व करने की भारत की क्षमता को रेखांकित करते हुए भारत और विश्व के प्रत्येक कोने में योग के प्रसार के विजन को व्यक्त किया।
कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती कविता गर्ग, आयुष मंत्रालय के डीडीजी सत्यजीत पॉल, आयुष मंत्रालय के सलाहकार (आयुर्वेद) वैद्य मनोज नेसरी, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के अध्यक्ष डॉ अनिल खुराना और आयुष मंत्रालय के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) की निदेशक श्रीमती विजयलक्ष्मी भारद्वाज ने अतिथि का स्वागत किया।
यह कार्यक्रम एक पैनल चर्चा (योग और महिला सशक्तिकरण: विभिन्न आयाम), वाई-ब्रेक और योग प्रदर्शनों के साथ समाप्त हुआ।100 दिनों की उलटी गिनती का उद्देश्य प्रमुख योग संगठनों, योग गुरुओं और अन्य आयुष हितधारकों का समर्थन हासिल करके योग की पहुंच को अधिकतम करना है।
उद्घाटन समारोह का अन्य मुख्य आकर्षण मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान द्वारा डिजिटल प्रौद्योगिकी के के साथ हासिल की गई हाल की उपलब्धि का प्रदर्शन था। इसमें उन्नत आईटी संपत्तियां- आयुष योग पोर्टल, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान वेबसाइट, नमस्ते योग और वाई-ब्रेक ऐप शामिल हैं। ये उन्नत आईटी संपत्तियां आम आदमी तक आसान पहुंच के लिए सार्वजनिक डोमेन में, बस एक क्लिक की दूरी पर, द्विभाषी मोड में उपलब्ध होंगी। संशोधित मोबाइल ऐप्स में एक आधुनिक और देखने में आकर्षक यूजर इंटरफ़ेस डिज़ाइन है, जो व्यापक पहुंच के लिए एंड्रॉइड और आईओएस दोनों उपयोगकर्ताओं को पूरा करता है। ऐप्स व्यक्तिगत योग दिनचर्या, प्रगति ट्रैकिंग और ध्यान सत्र प्रदान करते हैं, जिसमें ताजा सामग्री, बग फिक्स और सभी डिवाइसों में बेहतर संगत के लिए नियमित अपडेट होते हैं, जो बेहतर प्रदर्शन और स्थिरता सुनिश्चित करते हैं।
एक दिवसीय योग महोत्सव-2024 में उद्घाटन सत्र के बाद अनेक गतिविधियों को शामिल किया गया, जिसमें थीम आधारित तकनीकी सत्र (योग से महिलाओं के स्वास्थ्य को सशक्त बनाना, योग से जीवन को बदलना) शामिल थे। कार्यक्रम एक पैनल चर्चा (योग और महिला सशक्तिकरण: विभिन्न पहलू), वाई-ब्रेक और योग प्रदर्शन के साथ समाप्त हुआ। 100 दिनों की उलटी गिनती का उद्देश्य प्रमुख योग संगठनों, योग गुरुओं और अन्य आयुष हितधारकों का समर्थन जुटाकर योग की पहुंच को अधिकतम करना है।