नई दिल्ली : आयकर विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा किए गए विशिष्ट वित्तीय लेनदेन पर कुछ जानकारी प्राप्त हुई है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB) चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक भुगतान किए गए करों के विश्लेषण के आधार पर, विभाग ने ऐसे व्यक्तियों/संस्थाओं की पहचान की है, जहां वित्तीय वर्ष 2023-24 (मूल्यांकन वर्ष 2024-25) के लिए करों का भुगतान उक्त अवधि के दौरान संबंधित व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा किए गए वित्तीय लेनदेन के अनुरूप नहीं है।
इसलिए, करदाता सेवा पहल के एक कार्य के रूप में, विभाग एक ई-अभियान संचालित कर रहा है, जिसका उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों/संस्थाओं को महत्वपूर्ण वित्तीय लेनदेन के बारे में ईमेल, (निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए अग्रिम कर ई-अभियान- महत्वपूर्ण लेनदेन के रूप में चिह्नित) और एसएमएस के माध्यम से सूचित कर उनसे अपनी अग्रिम कर देनदारी की सही गणना करने और 15.03.2024 को या उससे पहले देय अग्रिम कर जमा करने का आग्रह किया गया है।
आयकर विभाग विभिन्न स्रोतों के माध्यम से करदाताओं के निर्दिष्ट वित्तीय लेनदेन की जानकारी प्राप्त करता है। पारदर्शिता बढ़ाने और स्वैच्छिक कर अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए, यह जानकारी वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) मॉड्यूल में परिलक्षित और व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा देखने के लिए उपलब्ध है। इस विश्लेषण को कार्य रूप में लेने के लिए वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) में ‘महत्वपूर्ण लेनदेन’ के मूल्य का उपयोग किया गया है।
महत्वपूर्ण लेनदेन का विवरण देखने के लिए, व्यक्ति/संस्थाएं अपने ई-फाइलिंग खाते (यदि पहले से बना हुआ है) में लॉग इन कर सकते हैं और कॉम्पलाइंस पोर्टल पर जा सकते हैं। इस पोर्टल पर, महत्वपूर्ण लेनदेन देखने के लिए ई-अभियान टैब को एक्सेस किया जा सकता है।
जो व्यक्ति/संस्थाएं ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें पहले ई-फाइलिंग वेबसाइट पर खुद को पंजीकृत करना होगा। पंजीकरण के लिए, ई-फाइलिंग वेबसाइट पर ‘रजिस्टर’ बटन पर क्लिक किया जा सकता है और संबंधित विवरण उसमें प्राप्त किया जा सकता है। सफल पंजीकरण के बाद, ई-फाइलिंग खाते में लॉग इन किया जा सकता है और ई-अभियान टैब के माध्यम से महत्वपूर्ण लेनदेन देखने के लिए कॉम्पलाइंस पोर्टल को एक्सेस किया जा सकता है।
यह करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बनाने और करदाता सेवाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत बनाने में विभाग की एक और पहल है।