नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज यहां भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित थीं। बैठक आईसीएमआर के हालिया योगदानों पर चर्चा करने, परिषद द्वारा शुरू की गई पहलों का पता लगाने और चिकित्सा अनुसंधान के भविष्य के लिए रणनीतिक रोडमैप की रूपरेखा तैयार करने के लिए बुलाई गई थी।
डॉ. मांडविया ने देश में चिकित्सा अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने वाली आईसीएमआर की प्रमुख प्रगति और पहल की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत सरकार की प्रतिबद्धता और आईसीएमआर के सतत प्रयास भारत को चिकित्सा अनुसंधान और विकास में अग्रणी के रूप में वैश्विक मंच पर स्थापित करेंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आईसीएमआर की अनुसंधान प्रगति में देखी जा रही वृद्धि पर संतोष व्यक्त किया और परिषद से चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार में वैश्विक अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में बदलते समय के साथ भारत के लिए तालमेल बिठाने का आग्रह किया। उन्होंने हाल ही में शुरू की गई मेडटेक मित्र पहल की सराहना की, जिसका उद्देश्य किफायती स्वदेशी चिकित्सा उपकरणों के विकास के साथ निजी क्षेत्र का समर्थन करना है। उन्होंने सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए आईसीएमआर-डीबीटी-आयुष और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (आईएनआई) के सहयोग से हमारे पारंपरिक ज्ञान का लाभ उठाने पर भी जोर दिया और शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों के लिए उद्यमिता नीति का समर्थन किया।
डॉ. मांडविया ने देश के अनुसंधान और नवाचार संबंधी इकोसिस्टम में तेजी लाने के लिए भारत सरकार के अटूट समर्थन और प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
डॉ.भारती प्रवीण पवार ने आईसीएमआर के प्रगतिशील प्रयासों की सराहना की और लक्षित अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अन्य विभागों के साथ सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए एआई-आधारित स्वास्थ्य समाधानों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च की वैश्विक प्रासंगिकता और प्रतिस्पर्धात्मकता का आह्वान किया।
आईसीएमआर की आगामी पहलों के बारे में चर्चा करते हुए, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने ‘विश्व में पहली चुनौती’ पर प्रकाश डाला, जो आईसीएमआर की एक अनूठी पहल है। इस पहल का उद्देश्य उस ज्ञान पर आधारित बायोमेडिकल उत्पाद विकसित करना है, जो इस दुनिया में प्रथम है। उन्होंने कहा कि “यह परियोजना भारतीय वैज्ञानिकों को उच्च-जोखिम और उच्च-प्रतिफल अनुसंधान करने के लिए उत्कृष्ट विचारों के साथ वित्तपोषित करेगी। विचारों को एक अभिनव चयन तंत्र के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा और इससे भारतीय बायोमेडिकल अनुसंधानकर्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बैठक में प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:
1. निवेश में 4 गुना वृद्धि: भारत सरकार ने पिछले दशक में चिकित्सा अनुसंधान और विकास में अपना निवेश 4 गुना बढ़ा दिया है।
2. व्यापक प्रभाव: हाल ही में लॉन्च किए गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान कार्यक्रम के माध्यम से आईसीएमआर ने देश भर में 100 से अधिक जिलों में अपना कवरेज बढ़ाया है, जो 12 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में समाधान-उन्मुख मिशन मोड अनुसंधान करने की एक अनूठी पहल है।
3. अंतरविभागीय सहयोग: आईसीएमआर ने नीति आयोग, सीडीएससीओ, सीएसआईआर, आईआईटी, डीबीटी, एनआईपीईआर, आईसीएआर, डीडब्ल्यूसीडी और अन्य जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ अंतरविभागीय सहयोग शुरू किया। इसके परिणामस्वरूप संयुक्त पहल हुई है, जिसमें राष्ट्रीय एक स्वास्थ्य मिशन, आयुष-आईसीएमआर परीक्षण, एसीएसआईआर-आईसीएमआर चिकित्सा अनुसंधान संकाय, पालना योजना और विभिन्न कैंसर के लिए आईसीएमआर-राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड क्लिनिकल परीक्षण शामिल हैं।
4. देश के इनोवेशन इकोसिस्टम का पोषण: हमारे देश के इनोवेशन इकोसिस्टम के पोषण के लिए, आईसीएमआर ने उत्पाद विकास के लिए 7 आईआईटी में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए और 5 आईसीएमआर-उन्नत अनुसंधान केंद्र (सीएआर) बेंचटॉप परीक्षण, प्री-क्लिनिकल और नैदानिक मूल्यांकन के साथ-सा सत्यापन के लिए समर्पित हैं। इस पहल का उद्देश्य एआई-आधारित स्वास्थ्य समाधानों को बढ़ावा देते हुए मेक इन इंडिया मेडटेक क्षेत्र को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त, नीति आयोग के मार्गदर्शन में और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के साथ साझेदारी में आईसीएमआर के नेतृत्व में मेडटेक मित्र पहल, इनोवेटर को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है, जो रणनीतिक सहायता, क्लिनिकल मूल्यांकन, विनियामक सुविधा और उत्पाद ग्रहण मार्गदर्शन माध्यम से किफायती और सुलभ स्वदेशी चिकित्सा उपकरणों के विकास की सुविधा प्रदान करेगी, जिसमें और सुधार किए जा रहे हैं।
5. कार्यबल को मजबूत बनाना: माननीय प्रधानमंत्री के मिशन भर्ती और रोजगार मेला पहल के अनुरूप, आईसीएमआर ने पिछले वर्ष के भीतर वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रशासनिक संवर्गों में 1200 से अधिक रिक्तियों को सफलतापूर्वक भरा है।