नई दिल्ली : भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज (28 नवंबर, 2023) नई दिल्ली में ‘कानूनी सहायता तक पहुंच: ग्लोबल साउथ में न्याय तक पहुंच को मजबूत करना’ विषयवस्तु पर आयोजित पहले क्षेत्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में हिस्सा लिया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि जरूरतमंद लोगों तक कानूनी सहायता पहुंचाना किसी भी आधुनिक राष्ट्र की आधारशिला है। यह एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो न्यायसंगत, निष्पक्ष और विश्वास के योग्य हो। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में ग्लोबल साउथ के 69 अफ्रीका-एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय देशों का हिस्सा लेना, न्याय और समानता की हमारी सामूहिक खोज में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
राष्ट्रपति ने न्याय तक पहुंच का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि समानता न केवल न्याय की नींव है, बल्कि न्याय की एक जरूरी शर्त भी है। काफी समय पहले विश्व ने यह घोषणा की थी कि सभी मनुष्य समान हैं, लेकिन हमें खुद से पूछने की ज़रूरत है कि क्या हम सभी को न्याय तक समान पहुंच प्राप्त है। व्यावहारिक रूप में इसका मतलब है कि आम तौर पर कुछ लोग कई कारकों के कारण अपनी शिकायतों का निवारण करने में असमर्थ होते हैं। हमारा मुख्य कार्य उन बाधाओं को दूर करना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस संबंध में लोगों के बीच जागरूकता अभियान शुरू करने की जरूरत है, जिससे न केवल उन्हें उनके अधिकारों को लेकर जागरूक किया जा सके, बल्कि जरूरत पड़ने पर कानूनी सहायता प्रदान करने में भी उनकी सहायता की जा सके। इस तरह के जागरूकता अभियान को ग्रामीण क्षेत्रों और सामाजिक रूप से वंचित समूहों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिससे इस धारणा को दूर किया जा सके कि न्याय मजबूत लोगों को प्राप्त होने वाला लाभ है।
President Droupadi Murmu graced the valedictory session of the 1st Regional Conference on ‘Access to Legal Aid: Strengthening Access to Justice in the Global South’ in New Delhi.https://t.co/sNoeufTCDx pic.twitter.com/sRgYOkM90P
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 28, 2023
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी कानूनी सहायता तक पहुंच को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। इसके कारण कई मामलों में न्याय प्राप्त करने के लिए अधिक दूरी तय करना कम हो गया है और न्याय मिलना सुगम हो गया है। उन्होंने इस पर अपना विश्वास व्यक्त किया कि न्याय प्रदान करने से जुड़ी प्रणाली में प्रौद्योगिकी एकीकरण रूपी एक अभिनव दृष्टिकोण इसे और अधिक समावेशी के साथ-साथ काफी कुशल बना देगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन न केवल ऐसा करने के लिए एक आदर्श मंच उपलब्ध करवाते हैं, बल्कि उनमें काफी कुछ प्रदान करने की क्षमता भी होती है। वे देश में सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को कम करने में हमारी सहायता कर सकते हैं। इसके अलावा अधिक लोकतांत्रिक और कुशल न्याय प्रणालियों के साथ वैश्विक दक्षिण पूरे विश्व के लिए अधिक टिकाऊ विकास का रास्ता दिखाने में अपनी अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन दो दिनों के विचार-विमर्श के दौरान इस सम्मेलन के प्रतिभागियों ने क्षेत्रीय कानूनी सहायता नेटवर्क सहित अधिक से अधिक क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय सहयोग और नवाचारों, ज्ञान व रणनीतियों को साझा करने के अवसरों की खोज की है। उन्होंने सभी हितधारकों से कानूनी सहायता और न्याय तक पहुंच बढ़ाकर देशों में लोगों के जीवन में परिवर्तन के लिए एक साथ मिलकर काम करने को लेकर इस मंच का उपयोग करने का अनुरोध किया।
………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….