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जग का कल्याण करने को निकलती है जग के नाथ श्री जगन्नाथ की रथयात्रा

जग के नाथ जगन्नाथ की रथयात्रा

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
20/07/2023
in धर्म
Reading Time: 1 min read
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जग का कल्याण करने को निकलती है जग के नाथ श्री जगन्नाथ की रथयात्रा
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जग का कल्याण करने के ल‍िए जग के नाथ जगन्‍नाथ प्रभु की रथयात्रा न‍िकाली जाती है रथयात्रा के माध्‍यम से दुन‍िया भर के भक्‍त श्री जगन्‍नाथ प्रभु के दर्शन कर सकें और उनका कल्‍याण हो सकें। प्रभु जगन्नाथ जी की रथ यात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथ पुरी में आरंभ होती है और इसका समापन दशमी तिथि को होता है  रथ यात्रा में सबसे आगे ताल ध्वज पर श्री बलराम जी, उसके पीछे पद्म ध्वज रथ पर माता सुभद्रा जी और सुदर्शन चक्र होता है और अंत में गरुण ध्वज पर नंदीघोष नाम के रथ पर श्री जगन्नाथ जी विराज‍ित होते हैं।

 

राजा इन्द्रद्युम्न ने कराई थी मूर्तियां स्थापित

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का शुभारंभ 20 जून से हो चुका है। जगन्नाथ जी की मुख्य लीला भूमि उड़ीसा की पुरी है, जिसे पुरुषोत्तम पुरी भी कहा जाता है। राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति के प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ हैं। उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की अर्धनिर्मित मूर्तियां स्थापित हैं, जिनका निर्माण राजा इन्द्रद्युम्न ने कराया था ।

महत्व
स्कंद पुराण के अनुसार रथ-यात्रा में जो व्यक्ति श्री जगन्नाथ जी के नाम का कीर्तन करता हुआ गुंडीचा नगर तक जाता है, वह पुनर्जन्म के बंधन से मुक्त हो जाता है । जो व्यक्ति भगवान के नाम का कीर्तन करता हुआ रथयात्रा में शामिल होता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं । रथ यात्रा में भाग लेने मात्र से संतान संबंधी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं ।

महाप्रसाद
जगन्नाथ जी को दिन में छह बार महाप्रसाद चढ़ाया जाता है । भोजन में सात विभिन्न प्रकार के चावल, चार प्रकार की दाल, नौ प्रकार की सब्जियां और अनेक प्रकार की भोग लगाया जााता है । मीठे व्यंजन तैयार करने के लिए यहां चीनी की बजाए गुड़ प्रयोग में लाया जाता है। आलू टमाटर और फूल गोभी का उपयोग मन्दिर में वर्जित है ।

ऐसे करें घर में पूजा
घर के मंद‍िर में श्री जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा की प्रतिकृति स्थापित करें । प्रभु को सात्विक भोग लगाएं । भोग में तुलसी दल जरूर डालें । इसके बाद प्रभु श्री जगन्नाथ जी की वंदना करें या हरि नाम या महामन्त्र का संकीर्तन करें । इस दिन घर में पूरी तरह सात्विकता बनाए रखें ।

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Tags: rathyatra2023shreejagannathrathyatrashreejagannathrathyatra2023
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