नई दिल्ली : माननीय उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ एवं डॉ. (श्रीमती) सुदेश धनखड़ ने आज ‘राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड’ के केंद्रीय राज्य फार्म, सूरतगढ़ का दौरा किया, और इस अवसर पर उन्होंने ‘राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना’ के अंतर्गत आयोजित ‘FPO & कृषक संगोष्ठी’ को संबोधित भी किया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति जी ने राजस्थान में उनकी यात्राओं पर उठे सवालों पर पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी यात्राएँ मुख्यतः कृषि संबंधी संस्थानों और किसानों के विकास और उन्नति से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा की जब वह किसान के विकास के लिए काम कर रहे है तो कुछ लोगों को किस बात की आपत्ति व परेशानी हो रही है। किसान भारत की अर्थव्यवस्था की सबसे मज़बूत रीढ़ की हड्डी है और उनका हित साधना हम सबका कर्तव्य है।
मैं मालपुरा गया, वहां संस्थान है किसान से जुड़ा हुआ। मैं जोबनेर गया।
मैं ICAR गया।भरतपुर, बीकानेर, गुड़ामालाणी गया।इन सब जगह इसलिए गया, क्योंकि ये किसान के विकास और उन्नति से जुड़ी हुई हैं!
मन में पीड़ा होती है, जब इस तरीके का काम मैं कर रहा हूं, तो कुछ लोगों को आपत्ति क्यों… pic.twitter.com/IytfcFGR2Z
— Vice President of India (@VPIndia) October 7, 2023
श्री धनखड़ ने कहा – “मैं मालपुरा गया, वहां संस्थान है किसान से जुड़ा हुआ। मैं जोबनेर गया। मैं ICAR गया। भरतपुर, बीकानेर, गुड़ामालाणी गया। इन सब जगह इसलिए गया, क्योंकि ये किसान के विकास और उन्नति से जुड़ी हुई हैं! मन में पीड़ा होती है, जब इस तरीके का काम मैं कर रहा हूं, तो कुछ लोगों को आपत्ति क्यों है? किसान का हित साधना हम सब का कर्तव्य है!”
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे हैं, केंद्र में मंत्री भी रहे हैं, और हाई कोर्ट & सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने पहली बार संसद में उनका परिचय ‘किसान पुत्र’ के रूप में दिया था। उन्होंने कहा की किसान की सेवा मेरा संवैधानिक धर्म यही, मेरा कर्त्तव्य है। कृषि में बदलावों की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि भारत के किसान को कृषि सम्बंधित तकनीक का पूरा फायदा उठाना ताकि आपकी उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार हो सके। उन्होंने कहा की तकनीक न केवल उत्पादन के क्षेत्र में, बल्कि निर्यात, आयात, और विपणन के क्षेत्र में भी किसानो लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। उन्होंने कहा –
“किसान बदलाव का केंद्र बिंदु बने और किसान कृषि उत्पादों के व्यापार में अपना उचित स्थान बनाए! किसान, agricultural research and development का केंद्र बने और निर्यात में हमारे बच्चे प्रमुख भूमिका निभाएं!”
मैं मालपुरा गया, वहां संस्थान है किसान से जुड़ा हुआ। मैं जोबनेर गया।
मैं ICAR गया।भरतपुर, बीकानेर, गुड़ामालाणी गया।इन सब जगह इसलिए गया, क्योंकि ये किसान के विकास और उन्नति से जुड़ी हुई हैं!
मन में पीड़ा होती है, जब इस तरीके का काम मैं कर रहा हूं, तो कुछ लोगों को आपत्ति क्यों… pic.twitter.com/IytfcFGR2Z
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उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि कृषि उत्पादों का मार्केट बहुत बड़ा है, लेकिन इसमें किसानों की भागीदारी पर्याप्त नहीं है। उन्होंने किसान को कृषि उत्पादकों के व्यापार पर अपना यथाउचित स्थान तथा कृषि सम्बंधित रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जिससे किसानों को समृद्धि की दिशा में अग्रसर करने और देश के निर्यात क्षेत्र में नए पीढ़ियों को अवसर मिले। उपराष्ट्रपति ने कहा –
“मैं मेरे किसान भाइयों से आग्रह करूंगा, उनको तकनीक का पूरा फायदा उठाना चाहिए! आपके उत्पादन की अगर गुणवत्ता बढ़ती है, तो उसका मूल्य कई गुना होता है। पर आप तक फायदा तब आयेगा जब उत्पादन के साथ उसकी मार्केटिंग और निर्यात में आपकी भागीदारी हो।”
किसान और किसान पुत्र के लिए कितना बड़ा opportunity का area है की सबसे ऊंची शिक्षा प्राप्त करने वाले दूध का, कृषि उत्पादों का व्यापार कर रहे हैं, और सफलतापूर्वक कर रहे हैं ! pic.twitter.com/ajt1TuXlzy
— Vice President of India (@VPIndia) October 7, 2023
देश के आर्थिक विकास पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम किसानों के प्रयासों के कारण ही 5वीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बने हैं।
किसानों को समर्थन और सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा की आज हमारे देश का किसान इतना सक्षम हो गया है कि पीएम किसान सम्मन निधि के माध्यम से भेजी जाने वाली राशि किसान सीधे अपने बैंक खाते में प्राप्त कर रहा है, इसमें कोई बिचौलिया नहीं है, और न ही किसी प्रकार का कमीशन देना पड़ता है।
उपराष्ट्रपति ने हल्दी बोर्ड के गठन को किसानों और उनके बच्चों के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा की यह बोर्ड उनके लिए नई दुनिया के दरवाजे खोलेगा। हाल ही में भारत में आयोजित G20 सम्मेलन की सफलता की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस सम्मलेन में भारत मिडल ईस्ट और यूरोप इकोनामिक कॉरिडोर को दुबारा जीवित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है जिससे किसानों को बड़ा फायदा होगा और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा।
G20 में किसान के लिए एक बहुत बड़ा निर्णय हुआ है। इससे किसान के जीवन में बदलाव आयेगा!
हजारों साल पहले जो व्यापार का मार्ग था, उसको पुनर्जीवित किया जा रहा है।
India-Middle East-Europe Economic Corridor का सबसे बड़ा असर agriculture produce पे पड़ेगा। pic.twitter.com/ClWRFjyEbY
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इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री, श्री कैलाश चौधरी, श्रीगंगानगर के सांसद, श्री निहालचंद, संस्थान के निदेशक, श्री के सी साहू, राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड के वैज्ञानिक & शोधकर्ता, क्षेत्र से आये किसान उपस्थित रहे।
उपराष्ट्रपति ने गोगामेड़ी में श्री गोगा जी महाराज मंदिर में दर्शन किये इससे पूर्व उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ एवं डॉ. (श्रीमती) सुदेश धनखड़ ने राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में गोगामेड़ी में श्री जाहरपीर गोगाजी महाराज के दर्शन किये और सभी के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।
इस दर्शन के बारे में ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा –
जय जाहरपीर गोगाजी महाराज की!
जय गुरु गोरखनाथ जी!आज राजस्थान के गोगामेड़ी में लोगों की अटूट श्रद्धा के केंद्र, जन-मानस के रक्षक, लोक देवता श्री गोगाजी महाराज के दर्शन करके धन्य हो गया!
तन-मन ऊर्जा से भर गया!
ईश्वर से प्रार्थना है सबकी मनोकामनाएं पूरी हों, सबको सुख-समृद्धि हो। pic.twitter.com/OHdL2p6gen
— Vice President of India (@VPIndia) October 7, 2023
“जय जाहरपीर गोगाजी महाराज की!
जय गुरु गोरखनाथ जी!
आज राजस्थान के गोगामेड़ी में लोगों की अटूट श्रद्धा के केंद्र, जन-मानस के रक्षक, लोक देवता श्री गोगाजी महाराज के दर्शन करके धन्य हो गया!
तन-मन ऊर्जा से भर गया!
ईश्वर से प्रार्थना है सबकी मनोकामनाएं पूरी हों, सबको सुख-समृद्धि हो।”
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