कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंंद बोस ने यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में दिपावली को शामिल किए जाने पर खुशी जताई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। दिपावली भारत की जीवित परंपराओं और भावना को उजागर करती है। दिवाली सिर्फ रोशनी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह पीढ़ियों से चली आ रही एक साझा विरासत है।
दिपावली सिर्फ रोशनी के बारे में नहीं है, यह ज्ञान के बारे में भी है। दिपावली सिर्फ दीये जलाने के बारे में नहीं है, यह अंधेरे को दूर करने के बारे में है। दिपावली सिर्फ एक खास दिन के जश्न के बारे में नहीं है, यह हर समय असीम खुशी से हमारे जीवन को समृद्ध करने के बारे में है। दिपावली सिर्फ रोशनी का जश्न नहीं है, यह सच्चाई का भी जश्न है। इस यूनेस्को मान्यता के साथ, राज्पाल को विश्वास है कि दिपावली अपनी शाश्वत रोशनी और सार से दुनिया भर में सभी को मंत्रमुग्ध कर देगी।
असतो मा सद्-गमय: असत्य से, मुझे सत्य की ओर ले चलो।
तमसो मा ज्योतिर्-गमय: अंधकार से, मुझे प्रकाश की ओर ले चलो।
मृत्योर्मा अमृतं गमय: मृत्यु से, मुझे अमरत्व की ओर ले चलो।
सोर्स : विशेष कर्तव्य अधिकारी
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