नई दिल्ली : सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (CSIR-NPL), नई दिल्ली ने आज 4 जनवरी 2025 को अपना 79वां स्थापना दिवस मनाया। सीएसआईआर-एनपीएल वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), भारत सरकार के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों में से एक है।सीएसआईआर-एनपीएल की आधारशिला दिवंगत प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने शनिवार,4 जनवरी 1947 को रखी थी।
सीएसआईआर-एनपीएल भारत का राष्ट्रीय मेट्रोलॉजी संस्थान (NMI) है और इसकी प्रमुख जिम्मेदारी राष्ट्रीय मानकों का विकास, उनका रखरखाव और प्रसार करना है। सीएसआईआर-एनपीएल उद्योगों और रणनीतिक क्षेत्रों के लिए उन्नत सामग्रियों के आधार पर नए माप मानकों और अत्याधुनिक तकनीकों का भी विकास कर रहा है और राष्ट्र के विकास में जबरदस्त योगदान दे रहा है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम), चेन्नई के निदेशक प्रोफेसर वीझिनाथन कामकोटि ने मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह में शिरकत की।
नेतृत्वकारी भूमिकाएं तलाशने की जरूरत
सीएसआईआर-एनपीएल के निदेशक प्रोफेसर वेणुगोपाल अचंता ने समारोह को संबोधित करते हुए सीएसआईआर-एनपीएल की भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सीएसआईआर-एनपीएल द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों, अनुसंधान, विकास गतिविधियों तथा शुरू की गई नई मिशन परियोजनाओं के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने यह भी बताया कि सीएसआईआर-एनपीएल की पहुंच अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी है। उन्होंने कहा कि, सीएसआईआर-एनपीएल स्टाफ एशिया पैसिफिक मेट्रोलॉजी प्रोग्राम (एपीएमपी) की तकनीकी समितियों में है और उन्हें नेतृत्वकारी भूमिकाएं तलाशने की जरूरत है।
मेट्रोलॉजी, भारत के लिए ज्ञान और प्रौद्योगिकी महाशक्ति बनने का मार्ग है
79वें सीएसआईआर-एनपीएल स्थापना दिवस के मौके पर “ग्लांसिंग इनटू मेट्रोलॉजी” विषय परव्याख्यान देते हुए प्रोफेसर वीझिनाथन कामकोटि ने भारत सरकार के विकसित भारत मिशन के लिए मेट्रोलॉजी और मानकों के महत्व के बारे में उल्लेख किया और इसकी रणनीति बनाने के लिए अपने विचार पेश किए। उन्होंने क्वांटम मेट्रोलॉजी के लिए क्वांटम भौतिक मानकों, कंप्यूटिंग, संचार और क्वांटम कुंजी वितरण तथा सेमीकंडक्टर विनिर्माण सहित क्वांटम प्रौद्योगिकियों के बारे में चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मेट्रोलॉजी, भारत के लिए ज्ञान और प्रौद्योगिकी महाशक्ति बनने का मार्ग है।
उन्होंने भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकियों के लिए मेट्रोलॉजी,उनके प्रमाणीकरण के लिए अवसरों, मौजूदा समस्याओं, चुनौतियों और संभावित अनुसंधान एवं विकास क्षेत्रों को भी पेश किया। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर और क्वांटम प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास के लिए, सीएसआईआर-एनपीएल को एक बड़ी भूमिका निभानी है और आईआईटी मद्रास इसमें एक भागीदार बनने की उम्मीद करता है।
कार्यक्रम के दौरान सीएसआईआर-एनपीएल ने शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के लिए आईआईटी मद्रास के साथ और संयंत्र आधारित सामग्री के क्षेत्र में भारतीय निर्देशक द्रव्य (बीएनडी) (प्रमाणित संदर्भ सामग्री) के उत्पादन के लिए सीएसआईआर-सीआईएमएपी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। सीएसआईआर-एनपीएल ने सीएसआईआर-एनपीएल की एक टीम द्वारा तैयार पाउडर एक्स-रे विवर्तन के लिए लाइन पोजिशन और लाइन शेप कैलिब्रेशन स्टैंडर्ड के लिए लैंथेनम हेक्साबोराइड पाउडर (बीएनडी-2025) के नए बीएनडी तथा सीएसआईआर-एनपीएल की एक टीम द्वारा संदर्भ सामग्री निर्माता (आरएमपी) राष्ट्रीय सीमेंट और भवन निर्माण सामग्री परिषद (एनसीसीबीएम), भारत सरकार के सहयोग से तैयार व्हाइट पोर्टलैंड सीमेंट स्टैंडर्ड (बीएनडी-5064) भी जारी किए।
सीएसआईआर-एनपीएल के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एस. आर. धकातेने औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।
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Glimpses of 79th @CSIR_NPL Foundation Day celebration with Prof. Veezhinathan Kamakoti (Director, @iitmadras) as Chief Guest, and welcome address by Prof. Venugopal Achanta (Director, @CSIR_NPL) .@CSIR_IND @VigyanPrasar #NMIofIndia #NPLI pic.twitter.com/nYUq0ZPuNd— CSIR-NPL (@CSIR_NPL) January 4, 2025