नयी दिल्ली : गुजरात के प्रांसला में आयोजित 25वें राष्ट्र कथा शिविर में पश्चिम बंगाल के माननीय राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस (Governor of West Bengal Dr C V Ananda Bose) ने मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय एकता, मूल्यों, भविष्य और नवाचार पर विचारोत्तेजक भाषण दिया। राज्यपाल ने मानव विकास के लिए शैक्षणिक और अनुभवात्मक ज्ञान के संयोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “हमें समाज के कल्याण के लिए अपने ज्ञान, शक्ति और मूल्यों का उपयोग करना चाहिए।” उन्होंने प्रकृति, पौधों और जीवित प्राणियों से सीखने की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और आग्रह किया, “मनुष्य न तो पूर्ण है और न ही परिपूर्ण, लेकिन हमारा अंतिम लक्ष्य वास्तविक मनुष्य बनने का प्रयास करना होना चाहिए।”
28 दिसंबर, 2024 को शुरू हुआ यह कार्यक्रम 5 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा। इसमें कलकत्ता विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के छात्रों और शोधार्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ। इसका नेतृत्व विभागाध्यक्ष डॉ. कमल के. मिश्रा कर रहे थे। देश भर से 14,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। साथ ही 20,000 से अधिक छात्रों ने भी इसमें भाग लिया।
कलकत्ता विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग (Sanskrit Department of Calcutta University) को कई विशिष्ट मुख्य अतिथियों द्वारा मंच पर सम्मानित किया गया। इनमें केंद्रीय मंत्री संजय सेठ, संजीव सान्याल (माननीय प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार), मेजर जनरल जी.डी. बख्शी और मुख्य आयोजक स्वामी धर्मबंधु जी शामिल थे। 25वां राष्ट्र कथा शिविर भारतीय सशस्त्र बलों, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना, भारतीय तटरक्षक बल, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आरएएफ, एनडीआरएफ, आईएमडी, डीआरडीओ और इसरो के प्रतिष्ठित सदस्य शामिल थे।