नई दिल्ली : शिक्षा मंत्रालय, अटल इनोवेशन मिशन (AIM), नीति आयोग, शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (MIC), एआईसीटीई और यूनिसेफ युवा (यू-वाह) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित स्कूल इनोवेशन मैराथन 2024 (School Innovation Marathon 2024) शानदार सफलता के साथ संपन्न हुई। स्कूल इनोवेशन मैराथन में, स्कूलों के छात्रों ने एटीएल के साथ या उसके बिना अपनी पसंद की सामुदायिक समस्याओं की पहचान की और कार्यशील प्रोटोटाइप के रूप में नये समाधान विकसित किए। स्कूल इनोवेशन मैराथन का विषय विकसित भारत 2047 था और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों से एक लाख से अधिक नवाचार परियोजनाएं प्राप्त हुई हैं। अभिनव समाधानों में स्वास्थ्य सेवा, कृषि, सतत विकास, डिजिटल परिवर्तन और गतिशीलता शामिल हैं, जो युवाओं की समस्या-समाधान क्षमताओं को प्रदर्शित करते हैं।
School Innovation Marathon 2024 reached an incredible milestone! 🚀
We thank students, teachers, and mentors from all States and UTs for sharing over 1 lakh+ innovative projects by young minds. 🌟
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— Atal Innovation Mission Official (@AIMtoInnovate) December 20, 2024
छात्रों और शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण सत्र स्कूल इनोवेशन मैराथन की आधारशिला थे। ऑनलाइन कार्यशालाओं और ऑफ़लाइन बूटकैंप के माध्यम से वितरित, इन साप्ताहिक सत्रों में डिज़ाइन थिंकिंग, आइडिया, रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, 3 डी प्रिंटिंग और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे विषयों को शामिल किया गया। शिक्षकों और सलाहकारों ने छात्र टीमों को उनके नवाचार यात्रा के दौरान मार्गदर्शन और प्रोत्साहन प्रदान किया। इन प्रयासों ने भाग लेने वाले छात्रों के कौशलता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया, जिससे उन्हें प्रभावशाली परियोजनाएं विकसित करने में मदद मिली।
स्कूल नवाचार गतिविधियों के लिए नियुक्त राज्य नोडल अधिकारियों ने राज्य और जिला स्तर पर मैराथन के कार्यान्वयन में सहायता की। साप्ताहिक निगरानी सत्रों ने स्कूलों से उच्च स्तर की भागीदारी, जुड़ाव और परियोजना प्रस्तुतियां सुनिश्चित कीं। जिला स्तर पर आयोजित अभिविन्यास और आउटरीच सत्रों ने भागीदारी को और अधिक सक्रिय किया, जिसके परिणामस्वरूप छात्रों और शिक्षकों की अभूतपूर्व भागीदारी हुई।
स्कूल इनोवेशन मैराथन 2024 बदलाव लाने में युवाओं की क्षमता का प्रमाण है। इनोवेशन चैलेंज राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के साथ सहज रूप से जुड़ा हुआ है, जो छात्रों के बीच रचनात्मकता, नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देकर अनुभवात्मक शिक्षा और रचनात्मक समस्या-समाधान पर जोर देता है। यह सिर्फ शुरुआत है क्योंकि छात्र अपने प्रोटोटाइप को वास्तविक उत्पादों और व्यवसायों में विकसित करना है, जो हमें विकसित भारत के लक्ष्य के करीब लाता है।